Uttar Pradesh News: सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खान (SP MLA Abdullah Azam) ने यूपी में रामपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला से मुलाकात की जिसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि एक पूरा तमाशा चला था. रामपुर में 3 साल पहले की भैंस चोरी, बकरी चोरी और मुर्गी चोरी के तमाम मुकदमें आजम खान और मेरे पूरे परिवार पर कायम किए गए थे जिनका ट्रायल चल रहा है. उन्होंने कहा कि आज सुबह खबर आती है कि एक वादी भैंस चोरी और बकरी चोरी में है. उन्होंने यह एफआईआर कराई है कि आजम खान और चार पांच लोग आए और उन्होंने धमकी दी.
सब फैसला पुलिस ही कर दे- अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जो आदमी 20 दिन से मेदांता हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा हो. अगर कानून बचा ही नहीं है तो बता दें कि कानून नहीं है. हमारा अंजाम क्या है यह भी बता दें. सब फैसला पुलिस ही कर दे या फैसला भैंस चोरी और बकरी चोरी के मुकदमे कराने वाले लोगों से ही करा दें. ज्यूडिशरी सिस्टम का कोई मतलब बचा ही नहीं है. पुलिस धमकाकर ले जा रही है फिर क्या मतलब है मानवता और मानव का और उसके अधिकारों का. वैसे ही कह दें कि आपको जेल से नहीं निकलने देना है और इस जिले को बर्बाद कर देना है, पूरे परिवार को खत्म कर दें, क्या जरूरत है.
सब सत्ता के दबाव में हो रहा- अब्दुल्ला
इस कार्रवाई में अब्दुल्ला आजम ने कहा एफआईआर तो पुलिस ने ही कायम किया है. गवाह के बारे में पूछने पर अब्दुल्ला ने कहा कि हम जानते तक नहीं, इसके पीछे वही लोग हो सकते हैं जिन्होंने 3 साल पहले हरकतें की थीं और चुनावों में लोगों ने उनको जवाब दिया था. रामपुर कप्तान अशोक कुमार शुक्ला से मिलने के मामले में अब्दुल्ला आजम ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यह सब सत्ता के दबाव में हो रहा है. इस मंडल में एक अधिकारी हैं उन्हें बस एक परिवार की बहुत चिंता है. वे एक इस एजेंडे के साथ आए हैं कि इस परिवार को मिटा दो और इसीलिए उन्हें यहां गैरकानूनी तरीके से डेप्युटेशन पर रखा गया है. सारे नियमों को ताक पर रखकर वे यहां डेप्युटेशन पर हैं लेकिन कानून कहां बचा है. उन्होंने कहा उपचुनाव में क्या हुआ था यह सबको मालूम है.