हरिद्वार. महाकुंभ भले ही एक महीने का हो, लेकिन साधु-संतों ने कुंभ की तैयारियां तेज कर दी हैं. तीन मार्च को निकलने वाली निरंजनी अखाड़े की पेशवाई को लेकर तमाम रमता पंचों का हरिद्वार आगमन शुरू हो गया है. निरंजनी अखाड़ा के तमाम संतों ने नगर भ्रमण कर पेशवाई की तैयारी की. इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र जी महाराज और महामंत्री हरि गिरि महाराज समेत तमाम प्रमुख संत मौजूद रहे. रमता पंचों के आगमन से कुंभ की शुरुआत मानी जा रही है.
हालांकि, नगर प्रवेश के दौरान कोरोना के नियमों का पालन नहीं किया गया, जबकि मेला प्रशासन और सरकारी ने संतों की कोरोना जांच के दावे किये थे. इसके अलावा सभी का मास्क लगाना भी अनिवार्य है, लेकिन नगर भ्रमण के दौरान ऐसा कुछ नजर नहीं आया.
पूर्व सीएम हरीश रावत नाराज
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने महाकंभ की अवधि कम करने को लेकर नाराजगी जाहिर की है. हरीश रावत ने कहा कि अगर सरकार को कोरोना का इतना ही डर है तो वो कुंभ को चार महीने का करते और श्रद्धालुओं की संख्या को कम रखते. इससे कुंभ मे सभी लोगों को हरिद्वार आने का मौका मिलता, लेकिन इसको कम समय का करने से श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं आएगी क्योंकि आस्था के प्रति कोई व्यक्ति अपनी भावना को नहीं रोक सकता है. इसीलिए कम समय में अधिक लोग हरिद्वार पहुंचेगे तो कोरोना फैलने डर ज्यादा होगा.
"सरकार कुंभ के लिए गंभीर नहीं"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए इस कुंभ को कम समय में ही निपटाना चाहती है. रावत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार कुंभ के प्रति गंभीर नहीं है और कार्य भी अभी अधूरे पड़े हुए हैं.
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