लखनऊ, एबीपी गंगा। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने शुक्रवार को लखनऊ में कहा कि बाबर एक लूटेरा था, डकैत था और उसके नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों से निवेदन भी किया कि अयोध्या मामले की जजों को प्रतिदिन सुनवाई करनी चाहिए। पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी यू यू ललित की तरह अपना नाम इस केस से वापस ले लेना चाहिए क्योंकि उनके पिता जी भी कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री थे।


रामविलास वेदांती ने कहा कि 1528 ईसवीं के बाद बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने अयोध्या जाकर उस जगह को तोड़ने की कोशिश की थी जहां मंदिर था लेकिन वो नहीं टूटा, और कुरान में कहा गया है कि बिना गुम्बद के मस्जिद नहीं होती। 1992 में जब मंदिर का ताला खुलवाया तो वहां हनुमान जी की मूर्ति समेत कुल 12 मूर्तियां मिलीं। रामविलास वेदांती ने दावा किया कि नासा के उपग्रह ने जो तस्वीरें दी थी, जहां रामलला विराजमान हैं उसके नीचे अष्ट कमल दल मिले, जिसके बाद उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वहां खुदायीं करायी, और वहां जो भी चीजें मिलीं वो मंदिर के अवशेष मिले, मस्जिद के नहीं। पूर्व सांसद ने कहा कि बाबर लूटेरा था, डकैत था, उसके नाम पर कोई मस्जिद नहीं बननी चाहिए।


राम विलास वेदांती ने कहा कि बाबर कभी अयोध्या गया नहीं, वहां जो कुछ भी है वो राम के नाम पर है उन्होंने निवेदन किया कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन महापुरुष समझौते के लिए नियुक्त किये थे। इसमें श्री श्री रविशंकर भी हैं और उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और भारत के मुसलमानों से कहना चाहते हैं कि जब पाकिस्तान में मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाया जा सकता है तो यहां क्यों नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के फैसले को लेकर इस पर संज्ञान लेना चाहिए। माननीय जज महोदय को भी यू यू ललित की तरह अपना नाम वापस ले लेना चाहिए क्योंकि उनके पिता जी भी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री थे। जिस देश में 90 फीसदी हिन्दू रहता है, वहां उसे अपने मंदिर के लिए मुकदमा लड़ना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के माननीय जजों को अब रोज इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए।


इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और कहा कि पाकिस्तान कभी नहीं चाहता कि भारत में शांति रहे। राम विलास वेदांती ने कहा कि सब लोग प्रधामनंत्री का साथ देने के लिए तैयार बैठे हैं, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद कोई फैसला लेंगे। हर बार की तरह एक बार फिर दोहराया कि पांच साल के भीतर अयोध्या में मंदिर का निर्माण होकर रहेगा।