प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। शाहजहांपुर की कानून की छात्रा के यौन शोषण के आरोप में जेल भेजे गए पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व महानिर्वाणी अखाड़े के संत स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। संत समाज ने पहले ही चिन्मयानंद से दूरी बनाने का फैसला किया था, तो गंभीर आरोपों के चलते अब वह महानिर्वाणी अखाड़े से भी निष्कासित कर दिए गए हैं। महानिर्वाणी अखाड़े ने न सिर्फ उन्हें अपने अखाड़े से निष्कासित कर दिया है, बल्कि उनके अखाड़े से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने पर पाबंदी भी लगा दी है।



अखाड़े के इस फैसले के चलते अगर चिन्मयानंद जमानत पर जेल से रिहा भी हो जाते हैं, तब भी वह महानिर्वाणी के किसी भी आयोजन में शामिल नहीं हो सकेंगे। अखाड़े का मानना है कि चिन्मयानंद पर जो गंभीर आरोप लगे हैं और जिस तरह से उनका वीडियो सामने आया है, उससे अखाड़े व संत समाज की छवि खराब हुई है।



अखाड़े के सचिव महंत राम सेवक गिरि के मुताबिक, स्वामी चिन्मयानंद को महानिर्वाणी अखाड़े से बाहर किये जाने का फैसला पदाधिकारियों की आपसी सहमति से लिया गया है। इस मामले में अगर वह कोर्ट से बाइज़्ज़त बरी होते हैं और उन पर लगे सभी आरोप गलत साबित होते हैं, तभी दोबारा उनकी वापसी हो सकती है। महानिर्वाणी अखाड़े से पहले साधू-संतों की संस्था अखाड़ा परिषद भी उनसे दूरी बनाए जाने का एलान कर चुकी है। अखाड़ा परिषद ने 10 अक्टूबर को हरिद्वार में बैठक भी बुलाई है। महानिर्वाणी अखाड़े से निष्कासित किये जाने से चिन्मयानंद को बड़ा झटका लगा है। हालांकि महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत राम सेवक गिरि ने उनके निष्कासन की जानकारी देते वक्त पीड़ित छात्रा पर भी निशाना साधा और इसमें किसी साजिश की भी आशंका जताई।


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