बलरामपुर, एबीपी गंगा। मानसून की दस्तक के बाद से ही जिले में बाढ़ जैसे हालात हैं। जिले के तकरीबन 100 से अधिक गांव जो तराई के इलाकों में पड़ते हैं। वह जलमग्न में हो चुके हैं। जिला मुख्यालय को बढ़नी और नेपाल से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे 730 पर भी आवागमन ठप हो गया है। नेशनल हाइवे पर बाढ़ का पानी बह रहा है। जिले में बहने वाली राप्ती नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. तमाम गांवों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।


जिले में मानसून की बारिश और पहाड़ी नालों से आए पानी के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं। ऐसे में राप्ती नदी भी अपने पूरे शबाब पर है और खतरे के निशान को पार कर चुकी है। बाढ़ और बारिश के पानी से नेशनल हाईवे 730 भी बंद हो गया है। बलरामपुर से नेपाल को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 730 पर पुल निर्माण का कार्य चल रहा था। लेकिन उसी दौरान बाढ़ आने से पुल निर्माण का कार्य ठप गया और सड़क किनारे बने अस्थाई मार्ग बाढ़ के पानी में बह गया।



जिससे नेशनल हाईवे 730 पर वाहनों का आवागमन तीन दिनों से ठप हो गया है। नेपाल व बढ़नी तक जाने वाले माल से लदे ट्रक सड़क पर ही लंबी कतार में खड़े हुए हैं। जिले में राप्ती नदी के पानी से आसपास के करीब दर्जन भर गांव में पानी घुस चुका है जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। शासन द्वारा लगातार जिले के अधिकारियों बाढ़ के पूर्व सभी तैयारियां पूरी करने के कड़े निर्देश दिए गए थे लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते नेशनल हाइवे तीन दिनों से बंद है और तराई समेत राप्ती नदी के करीब स्थित दर्जनों गांवों के लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं ऐसे में लोग प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं।