Basti News Today: बस्ती जिला अस्पताल की अव्यवस्था ने उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के दावों की कलई खोल दी है. जिला अस्पताल में अराजक तत्वों का आतंक नहीं बल्कि चूहों के आतंक से लोग परेशान है. चूहों के आतंक अधिकारी से लेकर स्टाफ और मरीज सभी परेशान हैं. 


चूहों ने करोड़ों रुपये की ऑटोमेटिक आईसीयू मशीन, वार्ड, दवाएं, ऑक्सीजन सप्लाई, मेडिकल उपकरण समेत पूरा का पूरा पीआईसीयू वार्ड बर्बाद कर दिया है. इसकी वजह ये है कि जिला अस्पताल में मौजूद मोटे और खतरनाक चूहों ने कुतर- कुतर कर वार्डों की दशा बिगाड़ दी है. 


एक और झांसी कांड का इंतजार?
पीआईसीयू की वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि बस्ती का स्वास्थ्य महकमा एक और झांसी कांड का इंतजार कर रहा है. जहां अचानक लगी आग कई बच्चों की मौत हो गई थी. आलम यह है कि यहां पर कई मशीनें धूल फांक रही हैं. 


जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड को देखकर लगता है कि अधिकारियों ने झांसी कांड से सबक नहीं लिया. पीआईसीयू ऐसा वार्ड है जहां पर नवजात बच्चों का गंभीर हालात में इलाज किया जाता है. यह भले ही वर्तमान में सरकारी कागजों में बच्चों का वार्ड है, लेकिन इसे गोदाम बनाकर रख दिया गया है.
 
धूल फांकती नजर आई मशीनें
एबीपी न्यूज की टीम जब इस वॉर्ड में दाखिल हुई, तो बेतहाशा महंगी मशीनें धूल फांकती नजर आईं. कई मशीनों के उपकरण जमीन पर फैले हुए नजर आए. यही नहीं जिस वॉर्ड में बच्चों को इलाज के लिए रखा जाता है, वहां चूहे उपकरणों से लेकर मरीजों तक पर हमला कर रहे हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं.


इस संबंध में जिला अस्पताल के नर्स विभाग की इंचार्ज ने कहा कि यहां पर चूहों के आतंक से लोग त्रस्त हैं. उन्होंने बताया कि ये चूहे ना सिर्फ सामान बर्बाद करते हैं बल्कि मरीजों को भी काट लेते हैं.


अधिकारी का गोलमटोल जवाब
जिला अस्पताल के एक जिम्मेदार अधिकारी से जब इस बारे में पूछा गया तो पहले वह कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. हालांकि बाद में उन्होंने इसके लिए अजीबो गरीब तर्क दिए. जिला अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि पेंट करते वक्त पेंट ज्यादा था तो उसने सोचा क्या करूं, ईमानदार पेंटर था इसलिए कमरे के बाहर बिना किसी से पूछे पीआईसीयू लिख दिया. 


इस दौरान संबंधित अधिकारी ने बदहाली के सवाल बार-बार एक ही जवाब दिया कि ये पीआईसीयू वार्ड नहीं है. वो बात अलग है कि जब मरीज ज्यादा होते हैं तो इसी वॉर्ड में शिफ्ट कर देते हैं. अभी मरीज नहीं हैं तो गोदाम बना दिया है. जब होंगे तो देखा जाएगा.


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