नई दिल्ली, एबीपी गंगा। रत्नों को रिश्तों के साथ जोड़ना फायदेमंद होता है। चंद्रमा हमारे मन को सीधा कंट्रोल करता है। चंद्रमा को मजबूत करने के लोग मोती पहनते हैं। पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने बताया कि आखिर मोती का परिवार के किस सदस्य से कनेक्शन होता है। पंडित जी का कहना है कि एक पुरानी परंपरा है कि जब बच्चा जन्म लेता है तो उसे माता पक्ष यानि ननिहाल से भेजा गया मोती लगा हुआ चांदी का चंद्रमा पहनाया जाता है।
मोती धारण करने वाले के लिए ये अनमोल रिश्ता कौन सा है ?
- चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए मोती होता है और मोती का रिश्ता मां से होता है।
- अब आमतौर पर होता क्या है - लोग चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए मोती तो पहन लेते है, लेकिन अगर मां के प्रति सम्मान, प्रेम और सेवा नहीं है, तो निश्चित जान लीजिए कि यह मोती अपना पूरा फल नहीं देगा। इसलिए सबसे पहले मां का सम्मान करें और उनके दिल को न दुखाना सर्वश्रेष्ठ होगा।
- आज के इस कैरियर प्रधान युग में अक्सर देखा जा रहा है कि विवाह के पश्चात मां की उपेक्षा हो जाती है, या यूं कहें की मां आपकी प्राइऑरटी लिस्ट में कुछ नीचे हो जाती है। जो कि बहुत घातक बात है।
- आज भी वह घर सुख शांति और समृद्धि से पूर्ण है जहां लोग अपनी सैलरी का कम से कम कुछ अंश मां के हाथ में रखते रहे हैं।
- मां को केन्द्र में रखकर जब कार्य किया जाता है, तो समस्त देवियों की कृपा आप पर बरसती है।
- चंद्रमा चूंकि मन का भी कारक होता है इसलिए मां से कनेक्ट होने पर मन को शांति प्राप्त होती है। मन में जो भटकाव है वह भी स्थिर होने लगता है।
हम सब ये जानते हैं कि धरती को मां कहा जाता है…अगर किसी की मां अब जीवित नहीं हैं और उसने मोती धारण किया हुआ है तो मां तुल्य महिलाओं को आदर एवं सम्मान देना चाहिए।
इसके अलावा आपको धरती पर सोना चाहिए क्योंकि धरती मां समान है। यदि यह भी संभव न हो तो अपने बैड से उतरते ही धरती को स्पर्श करके माथे पर लगाना चाहिए। आप ग्राउंड फ्लोर में नहीं रहते है, तो सुबह लिफ्ट से या जीने से जब आप ग्राउंड फ्लोर पर आएंगें तो दिन में एक बार धरती को स्पर्श करें।
धरती को स्पर्श करना यानि मां के चरण स्पर्श करने के समान हैं।
मातृ शक्तियां जितनी भी है उनके प्रति हमें सम्मान करना है।