रावण दहन के कार्यक्रम से पहले भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो कालिका माता मार्ग से शुरू होकर शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर परेड ग्राउंड पहुंची. शोभायात्रा में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के जीवंत स्वरूप थे. जिनमें हनुमान विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहे. श्रद्धालुओं और दर्शकों ने पूरे उत्साह के साथ शोभायात्रा का स्वागत किया और परेड ग्राउंड में पहुंचने के बाद रावण दहन का आयोजन शुरू हुआ.
रावण दहन की शुरुआत लंका के प्रतीकात्मक पुतले को जलाकर की गई. जिसके बाद क्रमशः कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को जलाया गया. सबसे अंत में रावण के विशाल पुतले को धूं-धूं कर जलाया गया, जिसे देखने हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान आतिशबाजी का भी आयोजन किया गया, जिसने समां को और भी अधिक रंगीन बना दिया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संबोधन
रावण दहन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को संबोधित किया. उन्होंने विजयदशमी के पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बताते हुए कहा "मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए. हमें अहंकार और बुराई से दूर रहकर सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलना चाहिए, जिससे देश और प्रदेश की प्रगति हो सके." मुख्यमंत्री ने रामायण से उत्तराखंड का ऐतिहासिक संबंध भी उल्लेखित किया, जब लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने उत्तराखंड आए थे.
संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें- सीएम धामी
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की पवित्र भूमि की गरिमा बनाए रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा "देवभूमि उत्तराखंड में लव जिहाद, मजार जिहाद और थूक जिहाद जैसी गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है. हमें अपने प्रदेश को इन कुरीतियों से बचाना है और यहां की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना है."
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे. उन्होंने कहा "विजयदशमी का यह पर्व हमें सिखाता है कि हमें जीवन में हमेशा सच्चाई का साथ देना चाहिए और बुराई से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. भगवान राम का जीवन हमारे लिए एक आदर्श है और हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए."
धर्मगुरुओं के साथ शहरवासी भी रहे मौजूद
इसके साथ ही इस आयोजन में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, धर्मगुरुओं और बड़ी संख्या में शहरवासियों ने भाग लिया. जनता ने भी इस आयोजन को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया. कई परिवार अपने बच्चों के साथ दशहरा मेला देखने पहुंचे और मेले में लगे विभिन्न स्टाल्स से खरीदारी की. बच्चों ने मेले में झूलों का आनंद लिया और रावण दहन के दृश्य का लुत्फ उठाया.
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