गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में ब्राम्हणों को लेकर राजनीति चरम पर है. हर पार्टी इस वक्त उत्तर प्रदेश में ब्राम्हणों की हितैषी दिखते हुए नजर आना चाहती हैं. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को एक खत लिखकर यूपी के सभी विधायकों से अपील की है कि वो अपने क्षेत्र में हुए ब्राम्हणों पर अत्याचार को 20 अगस्त को होने वाले यूपी के विधानसभा सत्र में उठाएं. यूपी में जारी ब्राम्हण राजनीति में अब फिल्म अभिनेता और गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन भी उतर गए हैं. रवि किशन ने कहा है कि बीजेपी में ब्राम्हणों का सबसे ज्यादा सम्मान होता है, बीजेपी और संघ से ज्यादा सम्मान ब्राम्हणों का कोई नहीं करता है.
योगी आदित्यनाथ ब्राम्हण विरोधी नहीं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी पर विपक्ष बार-बार ब्राम्हण विरोधी होने का आरोप लगाता रहा है. गोरखपुर से सांसद रवि किशन कहते हैं कि ''मैं मामखोर शुक्ला हूं, गर्ग गोत्र का ब्राम्हण हूं अगर योगी आदित्यनाथ ब्राम्हण विरोधी होते तो क्या मैं गोरखपुर से सांसद होता या वो मुझे सांसद बनने देते, सीएम साधु हैं, जात पात त्याग कर संत बने हैं और उन्होंने अपने नाम का श्राध कर लिया है. ऐसे में उनको जाति में बांधना गलत हैं, यूपी के सभी ब्राम्हणो से मैं कहना चाहता हूं विपक्ष के झांसे में न आएं. केंद्र से लेकर प्रदेश की मौजूदा सरकार आपके साथ है और आपका सम्मान करती हैं.''
यूपी में टॉप पोजिशन पर हैं ब्राम्हण
रवि किशन ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में ब्राम्हण टॉप पोजीशन पर हैं. चाहे वो प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी हो या कोई अन्य संस्थान. ब्राम्हण हर जगह सर्वोच्च पद पर हैं. न सिर्फ यूपी में बल्कि देश में भी ब्राम्हण अपने बलबूते सर्वश्रेष्ठ जगहों पर हैं.
परशुराम की मूर्ति बनाने में करूंगा दान
यूपी में जारी ब्राम्हण राजनीति के बीच सपा ने परशुराम की मूर्ति बनाने का निर्णय लिया है जिस पर रवि किशन कहते है वो भी इस मूर्ति निर्माण में दान करेंगे लेकिन आने वाले वक्त में सपा के गुंडे क्या मूर्ति को सुरक्षित रखेंगे ये बड़ा प्रश्न है?
ब्राम्हणों को बेवकूफ न समझें
रवि किशन ने कहा आज यूपी में एम्स बन रहा हैं, कोरोना की लड़ाई हम अच्छे से लड़ रहे हैं, गरीबो का कल्याण कर रहे हैं ऐसे में विपक्ष के पास मुद्दे नही हैं. तभी विपक्ष ब्राम्हणों को बरगलाने की कोशिश कर रहा है. जबकि, ब्राम्हण सब कुछ समझ रहा है और उसे पता है उसकी असली इज्जत कहा है.
11 ब्राम्हणों का हुआ है एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार ने आंकड़ा जारी कर बताया है कि 2017 में सरकार बनने के बाद से 9 अगस्त 2020 तक 124 अपराधियों का प्रदेश में एनकाउंटर हुआ है जिसमें सर्वाधिक 45 अल्पसंख्यक समुदाय से लोग थे तो वहीं 11 ब्राम्हणों का एनकाउंटर हुआ है.
जारी है सियासत
उत्तर प्रदेश में 12% के ऊपर ब्राम्हण समुदाय है, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के माद्देनजर ब्राम्हणों को रिझाने में जुट गई हैं. सपा बसपा जहां परशुराम की मूर्ति बनवाने का दावा कर रही हैं तो वहीं कांग्रेस ब्राम्हणों पर हो रहे अत्याचार को जोर-शोर से उठा रही है.
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