अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के नए अध्यक्ष रविंद्र पुरी (Ravindra Puri) को लेकर विवाद शुरू हो गया है. रविंद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुने जाने को लेकर अयोध्या (Ayodhya) में विरोध के सुर उठ रहे हैं. अखाड़ा परिषद की नई कार्यकारिणी में प्रवक्ता चुने गए हनुमानगढ़ी के गौरीशंकर दास ने इस पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद का तथाकथित गठन हुआ है इसका कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी का गठन 20 अक्टूबर को ही हो चुका है. इसमें विरोध प्रदर्शन की बात नहीं है.


कानूनी कार्रवाई की धमकी
गौरीशंकर दास ने आगे कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का चुनाव बहुमत के आधार पर होता आया है. उन्होंने कहा कि अगली कार्यकारिणी में इस पर विचार किया जाएगा. आवश्यकता पड़ी तो विधिक कार्रवाई भी करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि 25 अक्टूबर को बाघम्बरी मठ में अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई गई थी. इसमें 8 अखाड़ों के समर्थन का दावा किया गया है जो झूठा है.


गौरी शंकर ने कहा कि सिर्फ 6 अखाड़ों ने ही समर्थन किया है. निर्मोही अखाड़े के महामंत्री राजन दास जी, ज्ञानदेव सिंह जी और जसविंदर सिंह जी हमारे साथ हैं. भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं. अखाड़ा परिषद के गठन का कोई औचित्य नहीं है.


25 अक्टूबर को चुना गया रविंद्र पुरी को अध्यक्ष
गौरतलब है कि निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी को साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष चुना गया है. प्रयागराज में 25 अक्टूबर को हुई बैठक में रविंद्र पुरी को अध्यक्ष चुना गया. अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष पद इसी साल 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद खाली हुआ था.



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