Reserve Bank of India Action: भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर कार्रवाई करता है. अब उत्तर प्रदेश के एक और बैंक पर गाज गिरी है. आरबीआई ने लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. बड़ा कदम बैंक के पास पर्याप्त पूजीं नहीं होने और कमाई की संभावनाएं खत्म होने पर कदम उठाया गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और सहकारी बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
यूपी के इस बैंक पर चला RBI का डंडा
परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.53 प्रतिशत जमाकर्ता, डीआईसीजीसी से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. केंद्रीय बैंक ने लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए कहा कि लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं बची हैं.
जानिए क्यों लिया गया कड़ा फैसला?
लाइसेंस रद्द करने के नतीजे में बैंक का कामकाज करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. बैंक के कामकाज में तत्काल प्रभाव से जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है. बता दें कि बैंक अकाउंट में उपभोक्ता जमा पूंजी को सुरक्षित मानते हैं. बैंकों के कामकाज की निगरानी करनेवाली संस्था आरबीआई उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करती है. उपभोक्ताओं के हित प्रभावित होने की आशंका पर बड़े-बड़े बैंकों को भी कार्रवाई की जद में लाया जाता है. आरबीआई के मुताबिक लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ है. बैंकिंग व्यवसाय को आगे बढ़ाने की अनुमति दिए जाने से सार्वजनिक हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़नेवाला है.
(इनपुट्स-पीटीई भाषा)