Ayodhya Verdict अयोध्या में बनेगा राम मंदिर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसने क्या कहा-कौन असंतुष्ट नजर आया
लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या विवाद अब खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुये रामलला को विवादित जमीन का हक दिया। इस फैसले पर नेताओं का क्या है...पढें
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुना दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की बेंच ने इस ऐतिहासिक फैसले को सुनाया। कोर्ट ने विवादित जमीन पर मंदिर निर्माण का आदेश दिया है। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में कहीं ओर पांच एकड़ जमीन दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेताओं ने प्रतिक्रिया दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले पर कहा कि इसे किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें। यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है: यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।
फैसले से असंतुष्ट है जफरयाब जिलानी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नजर नहीं आये। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करें लेकिन फैसला संतोषजनक नहीं है। फैसले पर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। जिलानी ने कहा कि सवाल 5 एकड़ जमीन का नहीं है। दरअसल, हम मस्जिद किसी को दे नहीं सकते, मस्जिद को हटाया नहीं जा सकता। हम अभी फैसले को पूरा पढ़ेंगे फिर आगे की रणनीति तय करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय हम सभी को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का बोध कराने वाला है। देश की न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान करते हुए हम सभी को मिलकर शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखना है। भाजपा रामजन्मभूमि पर देश की उच्चतम न्यायालय द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय का स्वागत करती है। यह किसी की जीत या हार नहीं है। देश के सभी नागरिक राष्ट्र को प्रथम मानते हुए, शान्ति और सौहार्द बनाए रखें।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वे अयोध्या पर फैसले से सहमत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपने कानूनी हक के लिए लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपने लिए अपने पैसे से मस्जिद बना सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च जरूर है, लेकिन अचूक नहीं है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील की। साथ ही कहा कि इस फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
अयोध्या फैसले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को फैसला ऐतिहासिक है। मैं जनता से शांति और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व, विश्वास और प्रेम का है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार फैसला सुनाया, मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं।
हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। इस फैसले के साथ, सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है।
अयोध्या फैसले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सभी को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करना चाहिए और शांति बनाए रखना चाहिए।
अयोध्या फैसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए, यह सामाजिक एकता के लिए फायदेमंद होगा। इस मुद्दे पर कोई और विवाद नहीं होना चाहिए, यही मेरी लोगों से अपील है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या में एक प्रमुख स्थान पर मुसलमानों को 5 एकड़ वैकल्पिक भूमि देने का आदेश दिया है।
कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने अयोध्या फैसला पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, हम राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं। इस फैसले ने न केवल मंदिर के निर्माण के लिए दरवाजे खोले बल्कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा और अन्य लोगों के लिए दरवाजे भी बंद कर दिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा है। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा। दशकों से चले आ रहे राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है। मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारुकी ने कहा कि इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले ही अधिग्रहण की हुई है तो हमको दान में क्यों दे रहे हैं वो? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ दे रहे हैं ये कहां का इंसाफ है।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुये लिखा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फैसले का स्वागत। माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन। वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था।
बाबा रामदेव ने अयोध्या पर फैसले को एक ऐतिहासिक फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि अब एक भव्य राम मंदिर बनाया जाएगा। मुस्लिम पक्ष को अलग से जमीन देने के फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि हिंदू भाई भी इस मस्जिद को बनाने में मदद करेंगे।