यूपी: यहां प्रतीकात्मक नहीं, राम और रावण के बीच लड़ा जाता है वास्तविक युद्ध, दिलचस्प है ये सदियों पुरानी परंपरा
रामलीला मंचन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण हिस्सा राम रावण युद्ध का है. प्रयागराज से सटे कौशाम्बी में ये युद्ध वास्तिवक होता है. इसे नाम दिया जाता है कुप्पी युद्ध.
प्रयागराज. समूची दुनिया में दशहरे पर जहां रावण वध और उसके पुतला दहन से पहले राम और रावण की सेनाओं के बीच रामलीलाओं के मंच पर प्रतीकात्मक युद्ध का मंचन किया जाता है तो वहीं, यूपी के कौशाम्बी में राम और रावण की सेनाओं के बीच रियल वार यानी सचमुच की लड़ाई होती है. इस रियल वार को 'कुप्पी युद्ध' कहा जाता है. राम और रावण की सेनाएं यहां एक दूसरे पर प्लास्टिक की कुप्पियों से सच में हमला करते हैं. खुद को बचाते हुए दुश्मन की सेना पर वार करते हैं. सचमुच की इस लड़ाई में कई बार सैनिकों को चोट भी आ जाती है.
हजारों लोगो देखने आते हैं कुप्पी युद्ध
इस अनूठे कुप्पी युद्ध को देखने के लिए दूर दूर से सैकड़ों की तादाद में लोग आते हैं. इस दौरान यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जाते हैं. कुप्पी युद्ध का आयोजन कौशाम्बी जिले के दारानगर इलाके की रामलीला कमेटी कराती है. यहां इस बार कोरोना की महामारी के बावजूद कुप्पी युद्ध का आयोजन किया गया. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया गया. सैनिकों ने मास्क लगा रखे थे तो पूरे कैम्पस को बार बार सैनिटाइज़ किया जा रहा था.
सदियों पुरानी परंपरा
यहां कुप्पी युद्ध की परंपरा सदियों पुरानी है. युद्ध में रावण की सेना काली और राम की भगवा ड्रेस में होती है. पहले दिन चार और दूसरे दिन तीन युद्ध होते हैं. दोनों टीमों में पचीस पचीस सैनिक होते हैं. हालांकि कोरोना की वजह से सैनिकों की संख्या इस बार घटाकर दस- दस कर दी गई थी. यहां ज़्यादातर लड़ाई रावण की सेना ही जीतती है. अंतिम दिन का निर्णायक युद्ध राम की सेना को प्रतीकात्मक तौर पर जिताया जाता है. इस अनूठे युद्ध को देखने के लिए हज़ारों की भीड़ जुटती है. यहां आयोजन स्थल पर मेला भी लगा हुआ है.
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