मुजफ्फरनगर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में बरसात होते ही गौशालाओं में गायों ने आदित्यनाथ सरकार के गौ-संरक्षण के दावों और योजनाओं की पोल खोल दी है। गौशाला निर्माण और गौवंश के रख-रखाव में काफी खामियां देखने को मिल रही हैं।
सरकार से सभी जिलों को अस्थायी गौशाला के लिए पैसा मिल रहा है। जिला प्रशासन ने भी स्थाई गौशाला बनाकर अपना काम पूरा कर दिया है। जिले के डीएम और उनके अधीनस्थ अधिकारी बार-बार गौशाला जाकर उसका निरीक्षण भी बखूबी कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके बहुत सी खामियां भी सामने आ रही हैं।
मामला मुजफ्फरनगर की नवीन मंडी में बनी अस्थाई गौशाला का है जहां बारिश होते ही इंतजामों की पोल खुल गई। एक तरफ तो जबरदस्त ठंड और दूसरी तरफ आसमान से बरसती बारिश गौवंश पर कहर बरपा रही है। सबसे बड़ी बात ये है कि उनके चारा खाने की जगह पर भी कोई टिन शेड या तिरपाल की व्यवस्था नहीं थी। चारे में भी बारिश का पानी लबालब भरा दिखाई दिया।
मुजफ्फरनगर जिले की गुड़ मंडी में स्थित गौशाला की देख-रेख 20 लोगों की टीम निःशुल्क करती है। लोगों ने बताया कि सेवादारों की मदद से बारिश से गौवंश को बचाने के लिए पन्नी की तिरपाल खरीद कर व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रशासन और पालिका की तरफ से उनको किसी तरह का सहयोग नहीं मिला है।
लोगों का कहना है कि अव्यवस्थाओं का बोलबाला इतना है कि रात में आवारा जानवर घुस आते है और बछड़ों का नोंच-नोंच कर शिकार करते है। लोगों ने यह भी बताया कि प्रशासन की तरफ से पशु चिकित्सक की भी कोई सुविधा नहीं है। लोग खुद पैसे जमा करते हैं और गायों के दवाई इत्यादि की व्यवस्था करते हैं।