लखनऊ (अनुभव शुक्ला). 5 अगस्त की तारीख एक बार फिर इतिहास में महत्वपूर्ण होने जा रही है. दरअसल इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री को भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किया था और भूमि पूजन के लिए दो तारीखें 3 अगस्त और 5 अगस्त का न्यौता दिया था. इनमें से अब प्रधानमंत्री की तरफ से 5 अगस्त को अयोध्या आकर मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में शामिल होने को लगभग हरी झंडी मिल गई है.


उस दिन ग्रह नक्षत्र के हिसाब से भी किसी नए कार्य के लिए बेहद शुभ समय है और सूत्रों के मुताबिक भूमि पूजन का यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक होना प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री इस दौरान श्री राम जन्मभूमि परिसर में ही मौजूद रहेंगे. अयोध्या के साधु संत और आम लोग इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे और हमेशा से उनकी यही मांग थी कि इस बार प्रधानमंत्री अयोध्या आएं. और अब खुद 5 अगस्त को पीएम अयोध्या पहुंचकर भूमि पूजन करेंगे.


दरअसल शनिवार को ही अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई जो तकरीबन तीन घंटे से भी ज्यादा वक्त तक चली. इस बैठक में ट्रस्ट के 11 सदस्य मौजूद रहे और 4 सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. इस बैठक में ही यह दो तारीखें तय की गई थीं, जिन्हें प्रधानमंत्री की मंजूरी के लिए पीएमओ को भेजा गया था. ट्रस्ट की बैठक में मंदिर निर्माण के डिजाइन में परिवर्तन को लेकर भी बात हुई और अब यह तय हुआ है कि मंदिर को भव्यता देते हुए इसकी ऊंचाई 161 फीट की होगी. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के विकास को लेकर जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है, उसका प्रेजेंटेशन भी ट्रस्ट के सदस्यों ने देखा और उसकी खूब तारीफ भी की.


5 अगस्त को खत्म की गई थी धारा 370


बीते साल 2019 में 5 अगस्त का ही वो दिन था जब केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया था और एक बार फिर अब 5 अगस्त की ही तारीख को प्रधानमंत्री ने अयोध्या आने के लिए चुना है. और उसी दिन मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन भी होना है. ऐसे में ये तारीख अब काफी महत्वपूर्ण हो गई है.


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