UP Assembly Election 2022: सपा के बागी नेता और 32 सालों तक समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की ओर से राजनीति करने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी ने बसपा से नामांकन किया है. उन्होंने बसपा से नामंकन करते हुए सपा के फाजिलनगर विधानसभा के प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ा दी है. कुछ दिनों पहले तक समाजवादी पार्टी के लिए कसीदे पढ़ने वाले इलियास अब सपा और अखिलेश यादव पर जमकर बरस रहे हैं. लोगों और मीडिया के सामने रो-रो कर इलियास अंसारी सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि सपा में रहने के कारण ही उनकी बेटी विधवा हो गई. दामाद की हत्या कर दी गई और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फाजिलनगर से टिकट न देकर उनकी राजनीतिक हत्या करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को टिकट दे दिया.
बीएसपी प्रत्याशी के रूप में किया नामांकन
टिकट कटने से नाराज इलियास अंसारी ने बगावत करके कुशीनगर की फाजिलनगर से बीएसपी प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया है. नामांकन करने के बाद इलियास ने कहा कि अब फाजिलनगर की धरती से सपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य को भगाकर ही दम लूंगा. जातिगत आंकड़ों को देखें तो इलियास की बातों में दम नजर आने लगता है.
सपा से बगावत करके बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे इलियास अंसारी पिछले 30 साल से समाजवादी पार्टी की सक्रिय राजनीति करने वाले नेता रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया गया था लेकिन अंतिम समय में उनका टिकट काट दिया गया था. इस चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने इलियास अंसारी को टिकट न देकर भाजपा छोड़कर आए स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रत्याशी बना दिया. इसके बाद इलियास अंसारी ने बगावत का बिगुल फूंक दिया. इलियास अंसारी जैसे ही सपा से इस्तीफा दिए वैसे ही बसपा ने यहां से अपने घोषित प्रत्याशी का टिकट काटकर इलियास को बसपा का प्रत्याशी बना दिया.
फाजिलनगर सीट का चुनावी समीकरण
3 बार से लगातार पडरौना से विधायक रहने के बाद फाजिलनगर की सेफ सीट पर पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य की फिर से मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. फाजिलनगर विधानसभा में 398835 मतदाता हैं. फाजिलनगर में ब्राह्मण 10 फीसद, क्षत्रिय 7 फीसद, वैश्य 8 फीसद, अन्य सामान्य 8 फीसद, यादव 6 फीसद, कुशवाहा 13 फीसद, सैथवार 9 फीसद , अन्य पिछड़ी 7 फीसद, अनुसूचित जातियां 17 प्रतिशत व मुस्लिम 15 प्रतिशत हैं. यहां कुशवाहा, यादव और मुस्लिम और अनुसूचित जातियों के मतदाताओं का अच्छा समीकरण है. यहां बसपा का बेस वोट लगभग 17 प्रतिशत है और मुस्लिम मतदाता भी यहां 15 फीसद हैं. इलियास अंसारी को यही बेस वोट दिख रहा है जो उनके साथ जा सकता है.
इलियास बिगाड़ सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य का खेल
स्वामी प्रसाद मौर्य भी इसी यादव, मुस्लिम और कुशवाहा वोटों के समीकरण को देखते हुए फाजिलनगर विधानसभा की सीट चुनी है. जब बसपा से यहां मुस्लिम प्रत्याशी है तो जाहिर है कि मुस्लिम मतदाताओं का वोट इलियास को भी मिल सकता है. अब बसपा प्रत्याशी अनुसूचित जाति के 17 फीसद और 15 फीसद के मुस्लिम मतदाताओं को अगर अपने पक्ष में करने में सफल हो जाते हैं तो स्वामी प्रसाद मौर्य का समीकरण बिगड़ जाएगा.
स्वामी प्रसाद मौर्य भी सपा का वोटर (यादव+मुस्लिम) जो लगभग 21 प्रतिशत है और कुशवाहा के 13 फीसद को देखकर ही यह सीट चुने हैं. अब बसपा प्रत्याशी के रूप में सपा से बगावती नेता इलियास अंसारी ने मुस्लिम मतदाताओं को अपनी तरफ करने में जुट गए हैं. अगर ऐसा हुआ तो स्वामी प्रसाद मौर्य के समीकरण में से कुछ मुस्लिम मतदाता कम हो जाएंगे और जीत की राह मुश्किल हो जाएगी.
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