Uttarakhand News: कांवड़ यात्रा के दौरान सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि नुकसान की भरपाई उन लोगों से की जाएगी. इसके लिए संबंधित थानों से नोटिस जारी किए गए हैं. उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


कांवड़ यात्रा के दौरान कई स्थानों पर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था, जिसमें सड़कें, पुल, और सरकारी भवन शामिल हैं. सरकार ने कहा है कि नुकसान की भरपाई के लिए जिम्मेदार लोगों से वसूली की जाएगी. इसके लिए संबंधित थानों से नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को 15 दिनों के भीतर नुकसान की भरपाई करने को कहा गया है. यदि वे नुकसान की भरपाई नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं
सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा. सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की पहचान करें और वसूली की कार्रवाई शुरू करें. कांवड़ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, और सरकार ने कहा है कि वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए हर संभव प्रयास करेगी. सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा.


निश्चित तौर पर उत्तराखंड सरकार के इस कदम का असर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर पड़ेगा. अब लोग सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान करने से पहले सोचेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान 12 मुकदमे दर्ज किए गए जिनमें 11 हरिद्वार और एक टिहरी में दर्ज किया गया है. कांवड़ यात्रा के दौरान 184 दोपहिया सीज किए गए, जिनमे 134 हरिद्वार में 30 देहरादून में और 20 टिहरी में किए गए, पांच चार पहिया वाहन सीज किए गए जिसमे 3 हरिद्वार और 2 देहरादून में किए गए.


संपत्तियों के नुकसान का किया जा रहा आंकलन
आईजी गढ़वाल रेंज ने बताया कि कांवड़ मेले से पहले अन्य राज्यों के पुलिस अफसरों संग हुई कोऑर्डिनेशन मीटिंग में इस बाबत चर्चा हुई थी. उन्होंने बताया कि संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकांश बाहरी हैं, ऐसे में उनके नोटिस तामीली कराने की जिम्मेदारी भी बाहरी राज्यों की पुलिस की होगी. नोटिस तामीली पर इस मीटिंग में शामिल अफसरों से समीक्षा की जाएगी, संपत्तियों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. संबंधित थाने से नोटिस जारी किए जाएंगे.


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