गोरखपुर के राजघाट का हुआ कायाकल्प, सीएम योगी की पहल पर पर्यटन के नक्शे पर उभरा अंत्येष्टि स्थल
गोरखपुर का वो स्थान जो कभी उपेक्षित और जरूरी सुविधाओं से कोसों दूर था, अब सौंदर्य और अत्याधुनिक नागरिक सुविधाओं का नया प्रतिमान बन गया है. सीएम योगी की खास पहल ही है, जिसने अंत्येष्टि स्थल को भी पर्यटन के नक्शे पर चमका दिया है.
गोरखपुर: जीवन के अंतिम पड़ाव पर निर्जीवता की झलक वहां अपनों के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले लोगों के मन को और अधिक दुखी कर देती है. ऐसे में मुक्ति के पथ राजघाट जब पर्यटन स्थल की तरह दिखे और वहां पर नदी में लोग बोटिंग का आनंद ले सकें, तो निर्जीवता को खुद में समेटे ये घाट जीवंत हो उठते हैं. अंतिम यात्रा का ये पड़ाव ये बताने लगता है कि जीवन का उदय फिर होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका लोकार्पण कर लोगों को समर्पित करेंगे. एक घाट जहां भगवान श्रीराम तो वहीं दूसरा बाबा गोरखनाथ को समर्पित होगा. सीएम योगी इस अवसर पर 60.65 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात भी देंगे.
अंत्येष्टि स्थल को पर्यटन के नक्शे पर चमकाया मानव काया के अंतिम पड़ाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकासपरक सोच ने एक अद्भुत आयाम दे दिया है. जो स्थान कभी बिलकुल उपेक्षित और जरूरी सुविधाओं से कोसों दूर था, अब सौंदर्य और अत्याधुनिक नागरिक सुविधाओं का नया प्रतिमान बन गया है. सीएम योगी की ये खास पहल ही है, जिसने अंत्येष्टि स्थल को भी पर्यटन के नक्शे पर चमका दिया है. गोरखपुर के राप्ती नदी राजघाट के बाएं तट पर हुए भव्य सौंदर्यीकरण और नागरिक सुविधाओं के निर्माण कार्य के बाद इस तट को महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर समर्पित किया गया है. जबकि, इसके ठीक समानांतर नदी के दाएं तट पर हुए विहंगम निर्माण कार्य के बाद घाट को प्रभु श्रीराम के नाम पर राम घाट नाम दिया गया है.
जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह रहेंगे मौजूद इन दोनों घाटों के साथ राजघाट पर अंत्येष्टि स्थल निर्माण और प्रदूषण मुक्त लकड़ी के साथ गैस आधारित शवदाह संयंत्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 फरवरी की शाम 5 बजे करेंगे. इसके साथ ही राजघाट पर हाबर्ट बंधे से नई सीसी सड़क तक सीसी नाली और सड़क का शिलान्यास भी किया जाएगा. इन सभी विकास परियोजनाओं की लागत 60.65 करोड़ रुपये है. लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी मौजूदगी रहेगी.
घाटों पर राजस्थान के लाल पत्थरों का हुआ इस्तेमाल गोरखपुर में राप्ती नदी के राजघाट के दोनों तटों पर बने महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट और इसके सामने रामघाट की सुंदरता देखते ही बन रही है. राप्ती पुल से होकर गुजरने वाले भी यहां के निखरे सौंदर्य को देखने के लिए रुक जाते हैं. सीएम योगी न केवल इस परियोजना के शिल्पी हैं, बल्कि समय-समय पर यहां निरीक्षण और इस परियोजना की समीक्षा कर जरूरी नागरिक सुविधाओं की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं. मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इन दोनों घाटों पर राजस्थान के लाल पत्थरों से राजस्थानी शैली की स्थापत्य कला नयनाभिराम है.
शवदाह संयंत्र की स्थापना बरसों से उपेक्षित ये स्थान योगी सरकार में गोरखपुर के रमणीक स्थलों में शुमार हो गए हैं. इन दोनों घाटों का निर्माण कार्यदाई संस्था सिंचाई विभाग ने कराया है. अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए राजघाट पर सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया गया है. इसके साथ ही यहां पर्यावरण के अनुकूल प्रदूषण मुक्त लकड़ी और गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना भी की गई है.
भव्य दीपोत्सव का होगा आयोजन 16 फरवरी की शाम लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवनिर्मित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट और रामघाट का निरीक्षण भी करेंगे. उम्मीद है कि सीएम एक घाट से दूसरे तक नदी में मोटर बोट से जाएंगे. इस अवसर पर भव्य दीपोत्सव और राप्ती आरती के साथ भजन संध्या का भी आयोजन होगा. राजघाट पर भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा भी स्थापित होगी. इसकी भी जोर शोर से तैयारी चल रही है. महादेव की ये प्रतिमा 30 फीट ऊंची होगी और प्रतिमा के शीर्ष भाग से जलधारा प्रवाहित होकर भगवान की जटा से गंगा अवतरण का आभास कराएगी.
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