डेटिंग साइट पर मुलाकात के दो दिनों के बाद युवक-युवती ने संबंध बनाए. पर इस घटना के बाद युवती ने आरोप लगाया है कि युवक ने उसके साथ धोखा किया और उसका रेप किया है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के डेटिंग साइट पर एक्टिव होने के आधार पर उसकी नैतिकता का आकलन नहीं किया जा सकता है.


इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह बात बलात्कार के आरोपित की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील के दलील पर की है. हाईकोर्ट में दी गई दलील में कहा गया था कि  पीड़िता डेटिंग साइट के जरिए आरोपी से संपर्क में आई और चौथे ही दिन उससे मिलने पहुंच गई. ऐसे में पीड़िता की नैतिकता संदेहास्पद है. कोर्ट ने वकील के इस दलील को नहीं माना और आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी.


क्या है पूरा मामला


इलाहाबाद हाईकोर्ट में दर्ज केस के अनुसार आरोपित और पीड़िता दोनों एक डेटिंग साइट पर संपर्क में आए थे. दोनों साइट पर मिलने के चौथे ही दिन एक-दूसरे से मिलने पहुंच गए. आरोपित ने पीड़िता को शादी का झांसा देकर संबंध बनाए, लेकिन बाद में वह शादी से मुकर गया.


वहीं इस मामले में आरोपी के पक्ष के वकील ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की जिसमें कहा कि दोनों संपर्क में आने के सिर्फ चार दिन के अंदर शारीरिक संबंध बना लिए. इससे यह साबित होता है कि यह संबंध दोनों की सहमति से बने है.  


क्या कहा अदालत ने


मामले कि सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग अगर किसी डेंटिंग साइट पर मिलते हैं और उनमें विश्वास पैदा होता है, जिसके आधारपर शारीरिक संबंध बनते हें तो इसससे किसी के चरित्र का आकलन या उसकी नैतिकता तय नहीं की जा सकती.


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