Varanasi News: फिल्म जॉली एलएलबी 2 देखकर आप भी हैरानी में पड़ गए होंगे कि हमारे देश में कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें सरकारी कागजात में मृत घोषित कर दिया गया है और इसके पीछे दफ्तर कामकाज की लापरवाही, पारिवारिक विवाद समेत कई प्रमुख वजह शामिल होते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है वाराणसी के गांव चोलापुर के रहने वाले संतोष मूरत की. संतोष मूरत 2020 में मुंबई गए थे, इसी बीच उनके परिवार से जुड़े लोगों द्वारा गलत तरीके से उन्हें मृतक घोषित कर दिया गया और उनकी कई एकड़ जमीन सहित संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया. इसी को लेकर संतोष मूरत बीते 20 सालों से अपने अधिकारों को वापस लौटाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
चोलापुर के रहने वाले संतोष मूरत से इस मामले को लेकर ज़ब एबीपी लाइव ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 2000 में अभिनेता नाना पाटेकर फिल्म आंच की शूटिंग के सिलसिले में वाराणसी आए थे. इस दौरान नाना पाटेकर से उनकी मुलाकात हुई थी. नाना पाटेकर के साथ 2000 में वह मुंबई चले गए. मुंबई में 3 साल रहने के बाद जब वह 2003 में वाराणसी वापस लौटे तो पता चला कि उनके पट्टीदारों ने किसी बम कांड में उन्हें मृतक घोषित करके उनके अधिकार क्षेत्र की सभी जमीन और संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है. संतोष 2003 से लेकर 2023 तक सरकारी दफ्तरों से लेकर प्रशासनिक कार्यालय तक का चक्कर लगा रहे हैं, और गुहार लगा रहे हैं कि तहसील में कागजात पर पुनः जीवित करके हमारे सभी अधिकारों को वापस लौटाया जाए.
इस मामले में संतोष ने यह भी बताया कि कई बार हमें प्रशासनिक कार्यालय व जनप्रतिनिधियों से भी आश्वासन मिला है. इसके अलावा चोलापुर स्थित उनके गांव में जमीन सहित संपत्ति की जांच करने को लेकर भी अधिकारी पहुंचते हैं, लेकिन इस मामले में सिर्फ रिपोर्ट लगा दिया जाता है. जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पाता और समाज में इस बात का संदेश जाता है कि उन्हें उनका अधिकार मिल गया है. बीते दो दशक से वह भटक रहे हैं और आज भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा.
विरोध करने का अनूठा तरीका
संतोष मूरत अपने अधिकारों को लेकर अलग-अलग तरीकों से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी मांग को रखते हैं और इसी के लिए वह चोलापुर से लगभग हर दिन वाराणसी के कचहरी मुख्यालय पर गले में तख्ती लगाकर पहुंचते हैं, जिस पर लिखा है कि 'मैं जिंदा हूं.' संतोष मूरत 2022 में वाराणसी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. जिस दौरान उन्होंने नामांकन भी दाखिल किया था, लेकिन उनका नामांकन खारिज हो गया था. इसके अलावा संतोष मूरत की VIP मोमेंट के दौरान विरोध करने की आशंका को देखते हुए 50 बार से अधिक गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
नाना पाटेकर को मानते हैं अपना मसीहा
संतोष मूरत ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि संघर्ष के इस दौर में नाना पाटेकर ने उनका बहुत सहयोग किया है. जब भी उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत होती है तो नाना पाटेकर उन्हें मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा भी इस मामले को लेकर स्पष्ट किया गया है कि संतोष मूरत के सभी कागजात की जांच के बाद इस मामले पर उचित कार्यवाही की जाएगी.
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