कानपुर पुलिस के फैसले दे रहे पुलिसकर्मियों को राहत, पारदर्शी व्यवस्था में सबकी तय हो रही जिम्मेदारी
कानपुर पुलिस इन दोनों अपनी सेहत सुधारने में जुटी हुई है. कानपुर पुलिस कमिश्नरई में पिछले कुछ दिनों में इस तरह के फैसले लिए गए हैं, जिससे पुलिस के प्रेशर को कम करते हुए उसकी दक्षता को सुधारा जा सके.
कानपुर पुलिस इन दिनों अपनी सेहत सुधारने में जुटी हुई है. कानपुर पुलिस कमिश्नरई में पिछले कुछ दिनों में इस तरह के फैसले लिए गए हैं, जिससे पुलिस के प्रेशर को कम करते हुए उसकी दक्षता को सुधारा जा सके. थानों में एडिशनल इंस्पेक्टर तैनात किए जाएंगे. बड़े थानों में अतिरिक्त इंस्पेक्टरों की तैनाती की जा चुकी है. पुलिस कर्मियों को छुट्टी के लिए एप्लीकेशन की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों के लिए पुलिस लाइन स्थित अस्पताल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. यानी साफ है कि पुलिस आयुक्त प्रणाली में पुलिस अपनी सेहत को भी दुरुस्त करने की कवायद में जुटी हुई है ताकि कानून व्यवस्था को चाक चौबंद रखा जा सके.
इसी क्रम में थानों के कामकाज में गति और सुधार लाने के लिए सहायक इंस्पेक्टर और दरोगाओं की तैनाती होगी. थानों में काम बेहतर हो और हर काम की प्रॉपर मॉनिटरिंग हो इसके तहत सिर्फ SHO हर काम के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे. उनके काम को एसएसआई, एसआई और अन्य पुलिसकर्मियों में बांट दिया जाएगा. जैसे कि इंस्पेक्टर के अलावा एडिशनल इंस्पेक्टर होंगे जो विवेचना आदि का काम देखेंगे. थानों में एसएसआई एडमिनिस्ट्रेशन पद के अलावा एसआई टेक्निकल, एसआई सिटीजन सर्विस, SI महिला सुरक्षा भी तैनात होंगी. ट्रेनिंग में इंस्पेक्टर, एसएसआई, सहायक प्रभारी निरीक्षक, उपनिरीक्षक नागरिक सेवा, उपनिरीक्षक तकनीकी, उपनरीक्षक महिला सुरक्षा का दायित्व के बारे में बताया जाएगा.
अतिरिक्त इंस्पेक्टरों की हुई तैनाती
इसके अलावा कानपुर के बड़े थानों में अतिरिक्त इंस्पेक्टरों की तैनाती मॉनिटरिंग के मकसद से की गई है. पुलिसकर्मियों की सबसे बड़ी समस्या छुट्टी को लेकर पुलिस आयुक्त ने बड़ा फैसला लिया है. कानपुर पुलिस जल्दी एक ऐसे एप्लीकेशन पर काम करना शुरू करेगी, जिसके द्वारा पुलिस कर्मियों को 2 दिन की छुट्टी मोबाइल ऐप के जरिए मिल जाया करेगी. जो पुलिस विभाग में काम करने वालों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की बात कही जा रही है. इसके अलावा पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों की स्वास्थ्य की चिंता करते हुए पुलिस लाइन के अस्पताल को अत्याधुनिक बनाया गया है. खुद सूबे के डीजीपी मुकुल गोयल ने आकर इस अत्याधुनिक अस्पताल को चालू किया है.
पुलिसकर्मियों को मिलेगी जिम्मेदारी
पुलिसकर्मियों की यह आम शिकायत होती है कि लगातार काम के बोझ के चलते वह थके रहते हैं. अगर पुलिसकर्मी शारीरिक और मानसिक रूप से थके होंगे तो उनसे बेहतर काम की अपेक्षा नहीं की जा सकती. पुलिस आयुक्त असीम अरुण का भी यही मानना है कि पुलिसकर्मियों को ऊर्जावान रखने के लिए उनके प्रेशर को कम करना होगा. इसीलिए उनके हित को ध्यान में रखते हुए ऐसे फैसले किए जा रहे हैं, जिससे पुलिस या सिस्टम में पारदर्शिता लाई जाए. पुलिसकर्मियों को वक्त पर छुट्टी दी जाए और काम के बोझ को एक व्यक्ति से शिफ्ट करते हुए तमाम पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी को तय किया जाए ताकि कानपुर की पुलिसिंग बेहतर स्थिति में पहुंचे जिसे लोगों की सराहना भी मिले.
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