हाथरस दुष्कर्म मामला: परिजनों के इंतजार में बिखरी हैं चिता की राख में अस्थियां, संगीनों के साये के चलते अब तक नहीं चुनी गईं
यूपी पुलिस ने परिवार पर पहरा बैठा रखा है. यहां तक कि परिजनों को अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया. ये सारी परिस्थितियां योगी सरकार के लिये बड़ी मुश्किलें खड़ी करने वाली हैं.
हाथरस. हाथरस की घटना को लेकर पूरे देश में रोष व्याप्त है. जगह-जगह घटना के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी बीच मृतका की चितास्थल पर एबीपी गंगा की टीम पहुंची. चितास्थल से मृतका की अस्थियां तक अभी चुनी नहीं गईं हैं और हैंड सैनिटाइजर की बोतल भी वहीं पड़ी हुई है. ऐसे दृश्य को देखकर किसी का भी मन विचलित हो उठे.
वहीं, गांव में यूपी पुलिस पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर फोर्स लगा रखी है. मीडिया का प्रवेश भी बैन है. लेकिन क्या एक परिवार को उसकी बेटी की अस्थियां चुनने का भी अधिकार नहीं है. बहरहाल इस घटनाक्रम को लेकर पुलिसिया कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की एक दलित लड़की से हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. जिसके बाद मामले में चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के मुताबिक घटना को 14 सितंबर को अंजाम दिया गया.
पीड़िता ने बयान में कहा, उसके साथ रेप हुआ
यह घटना चंदपा पुलिस थाना इलाक़े के एक गांव की थी. गांव के ही चार युवकों ने लड़की के साथ गैंगरेप किया था. पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि रेप के बाद आरोपियों ने उसे गला घोंटकर जान से मारने की भी कोशिश की.
पीड़िता का अलीगढ़ के स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा था. हालांकि, पीड़िता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. इसलिए उसे दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल लाया गया था. आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी और गले को गंभीर चोट पहुंचाई थी. पीड़िता की जीभ भी काट डाली थी, तभी से पीड़िता वेंटिलेटर पर थी.
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