हर साल बॉलीवुड में कई लोग अपनी किस्मत आज़मातें हैं। लेकिन उनमें से कुछ ही को सफलता हासिल होती है और कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें कामयाबी मिलने के बाद भी गुमनामी की जिन्दगी जीनी पड़ती है। आज की इस स्टोरी में हम ऐसे ही एक बॉलीवुड एक्टर चंद्रचूड़ सिंह के बारे में बात करने वाले हैं जिन्होंने बॉलीवुड में कई हिट फिल्में दीं लेकिन फिर भी वो आज गुमनामी की जिन्दगी गुजार रहे हैं।
बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में से एक 'माचिस' से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले एक्टर चंद्रचूड़ सिंह ने कई बेहतरीन फिल्मों में काम करके अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। उन्हें आखिरी बार साल 2017 में फिल्म Yadvi - The Dignified Princess में एक महाराजा के रोल में देखा गया था। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने 'तेरे मेरे सपने', 'माचिस', 'क्या कहना', 'जोश' और 'दागः द फायर' जैसी बेहतरीन और हिट फिल्मों में काम किया।
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इन फिल्मों के बाद चंद्रचूड़ ने फिल्मों से दूरी बना ली थी, जिसकी वजह खुद उन्होंने ही अपने एक इंटरव्यू में बताई, जिसमें चंद्रचूड़ ने बताया कि, 'मैं उस वक्त अच्छे किरदारों की तलाश थी। मैं अच्छे रोल करना चाहता था। हांलाकि मुझे कई रोल ऑफर हुए लेकिन मुझे कुछ अलग करना था। जो मुझे नहीं मिले तो मैंने फिल्मों से खुद को दूर कर लिया।
वहीं चंद्रचूड़ ने 2012 में एक बार फिर से फिल्मों में वापसी की और उन्होंने चार दिन की चांदनी, जिला गाजियाबाद जैसी फिल्मों में काम भी किया। लेकिन इन फिल्मों से उनके करियर को कोई फायदा नहीं पहुंचा। उन्हें अब फिल्मों में काम मिलना लगभग बंद ही हो गया है।
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चंद्रचूड़ ने अपने एक इंटरव्यू में ये भी बताया था कि, साल 2000 में उनके साथ एक हादसा हुआ, जिसमें उनके कंधे काफी बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इस हादसे से उबरने के लिए उन्हें लगभग 10 साल का लंबा समय लगा। जिसकी वजह से उनका करियर बिल्कुल ठप्प हो गया। चंद्रचूड़ बॉलीवुड में करियर बनाने से पहले दून यूनिवर्सिटी में म्यूजिक टीचर थे। उन्होंने क्लासिकल म्यूजिक सीखा हुआ है।