नोएडा: रेरा (रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने बायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए अब सख्त रुख अपना लिया है. बायर्स के साथ धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ आरसी जारी कर दी है. रेरा ने लगभग ढाई सौ बिल्डर के खिलाफ दो हजार से ज्यादा आरसी जारी कर उनकी संपत्ति को कुर्क करने के लिए जिला प्रशासन को आदेश कर दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि बायर्स अपनी एसोसिएशन बनाकर के रेरा के पास आए ताकि उन्हें बिल्डर्स के प्रोजेक्ट हैंड ओवर कर दिया जाए और वह उसे कंप्लीट करा कर उसमें रहना शुरू करें.
रेरा ने अधूरे प्रोजेक्ट की लिस्ट बनाई
रेरा ने स्पष्ट कर दिया कि, जब तक बिल्डर्स रेरा के द्वारा दिए गए आदेशों को पूरा नहीं करता या फिर अपने आधे अधूरे पुराने प्रोजेक्ट को कंप्लीट नहीं करता तब तक उसे नए प्रोजेक्ट के लिए अनुमति रेरा नहीं देगा. रेरा ने उन प्रोजेक्टों की लिस्ट बनाई जो अधर में लटके हुए हैं या फिर उन प्रोजेक्टों का कोई वारिस अभी तक रेरा के सामने नहीं आया है. और यही वजह है कि उनकी लिस्ट तैयार करने के बाद रेरा ने उनके खिलाफ आरसी जारी कर दी है ताकि उनकी संपत्तियों बेचकर रेरा बायर्स का पैसा वापस कर सकें.
रेरा ने सबसे पहले उन प्रोजेक्ट को चिन्हित किया जिनके बिल्डर या तो जेल में है या फिर रेरा की कई नोटिस ओं के बाद भी वह रेरा के सामने नहीं आए हैं. इसके बाद रेरा ने उन प्रोजेक्टों की भी लिस्ट तैयार की जिन्हें बिल्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं या फिर बिल्डर ने प्रोजेक्टों को पूरा करने में असमर्थता जता दी है. रेरा ने इन सभी प्रोजेक्टों की लिस्ट तैयार कर तीन कैटेगरी में बांट दिया है. पहला वह प्रोजेक्ट जिनके बिल्डर का दूर-दूर तक कोई अता पता नहीं है. दूसरा वह प्रोजेक्ट जो शुरू तो हुआ लेकिन अभी भी आधा अधूरा पड़ा हुआ है. तीसरा वो प्रोजेक्ट जो कंप्लीट हो चुका है लेकिन उसमें फिनिशिंग का कार्य बाकी है.
जिला प्रशासन को सौंपी लिस्ट
रेरा ने उन प्रोजेक्टों को चिन्हित किया है, जिनके बिल्डर्स का कोई अता पता नहीं है या फिर जो प्रोजेक्ट शुरू तो हुआ लेकिन उसमें ज्यादा निर्माण नहीं हुआ है. ऐसे प्रोजेक्टो की प्रॉपर्टी को बेच कर रेरा बायर्स का पैसा वापस करने की तैयारी कर रहा है. यही वजह है कि, करीब 250 बिल्डर के खिलाफ 2000 से ज्यादा आरसी जारी कर जिलाधिकारी को जमीनों का ऑक्शन करने की इजाजत दी है.
रेरा बिल्डर की संपत्ति को ई-ऑक्शन के जरिए नीलाम करना चाहती है ताकि ज्यादा से ज्यादा रकम जुटाई जाए जिससे बायर्स का भला हो सके. इसके लिए उसने प्रदेश सरकार से अनुमति भी मांगी है.
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