पीलीभीत, एबीपी गंगा। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में शिकारी पूरी तरह सक्रिय हैं। इसकी पुष्टि आज उस समय हुई जब वन्यजीवों के शिकार के लिए लगाए गए (जाल) में तेंदुआ फंस गया। उसे सुरक्षित निकालने के लिए वन विभाग की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बरेली से पहुंची वन विभाग की टीम ने 5 घंटे की मशक्कत के बाद उसे (जाल) खाबर से बाहर निकालकर पिंजरे में बंद कर दिया।


पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बराही वन क्षेत्र में चोरी छिपे जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारियों ने एक ग्रामीण के खेत में खाबर लगा दिया। जिसमें तेंदुआ फस गया। तेंदुए ने अपनी जान बचाने के लिए जब जोर लगाया तो उस में उलझ गया, उलझे हुए तेंदुए को जब ग्रामीणों ने देखा तब इसकी सूचना वन विभाग को दी। तेंदुए के रेस्क्यू के लिए पीटीआर के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।


ग्रामीणों गोबिंद ढाली ने बताया एक तेंदुआ जाली में फंस गया है, कैसे फंसा ये कहना मुश्किल है । महोफ रेंज में इस तरह जाल में तेंदुए का फंसना वन विभाग के लिए बड़ा सवाल खड़े करता है ।


बराही वन क्षेत्र से सटे सेल्हा ग्राम पंचायत के पास एक ग्रामीण के खेत में शिकारियों ने वन्य जीव जंतुओं के शिकार के लिए बीती रात खाबर लगा दिया जिसमें एक तेंदुआ फंस गया पूरी रात तेंदुआ खाबर से निकलने का प्रयास करता रहा । सुबह जब ग्रामीणों ने तेंदुए को खाबर में फंसा देखा, तो इसकी सूचना वन विभाग को दी जिस पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आला अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। और आनन-फानन में बराही वन क्षेत्र के उस स्थान पर पहुंचे जहां तेंदुआ फंसा हुआ था पर तेंदुआ उस स्थान पर ना मिलकर दूसरी जगह पर मिला, खाबर में उलझता हुआ निकलने का प्रयास करता हुआ 50 मीटर तक जंगल की ओर जाकर थक हार कर जमीन पर लेट गया।


खाबर में उलझे तेंदुए को निकालने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के एसडीओ प्रवीण खरे सहित ट्रेंकुलाइजर टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन बारिश हो जाने की वजह से तेंदुए को टंकलाइज नहीं किया जा सका और न ही खाबर से तेंदुए को मुक्त किया जा सका। तेंदुए को देखने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार वन विभाग की टीम ने तेंदुए को सुरक्षित पकड़ लिया। और उसे पिंजड़े में बंद कर दिया। उसे देखने वालों का तांता लगा है। अधिकारी अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं क्योंकि पीलीभीच टाइगर रिजर्व में इन दिनों कोई नहीं जा सकता तो अंदर शिकारी कैसे पहुंच रहे हैं।