हल्द्वानी/देहरादून: उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी (सपा) का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को हल्द्वानी इलाके में उन लोगों का समर्थन करने के लिए पहुंचा जो रेलवे की अतिक्रमण की गई जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं.सपा का प्रतिनिधिमंडल ऐसे समय हल्द्वानी पहुंचा जब यह मामला एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आने वाला है.


अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हल्द्वानी के बनभूलपुरा के निवासियों के समर्थन में बुधवार को मौन विरोध जताया.हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रशासन,रेलवे की भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटा रहा है.रावत के पीछे टंगे एक बैनर पर लिखा था, 'बनभूलपुरा के लोगों की समस्या का समाधान बुलडोजर नहीं हैं.मुख्यमंत्री, कृपया लोगों की छतों को गिराए जाने से बचाइए.' मंगलवार रात बनभूलपुरा वासियों ने एक कैंडल मार्च निकाला था. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई उन्हें बेघर कर देगी और उनके स्कूल जाने वाले बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल देगी.


सु्प्रीम कोर्ट हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा. हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अतिक्रमण करने वाले लोगों को एक सप्ताह का नोटिस दिया जाए. इसके बाद अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए.


सपा सांसद ने रेलवे के दावे पर उठाया सवाल


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से भेजे गए सपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन ने रेलवे के दावे पर सवाल उठाया.हसन ने स्थानीय निवासियों से मुलाकात के तुरंत बाद संवाददाताओं से कहा,''जमीन रेलवे की कैसे है? उसने इसे किससे खरीदा था? लोग 100 से अधिक साल से इस पर रह रहे हैं.'


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने क्षेत्र में लोगों को अस्पताल,स्कूल और सीवर लाइन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई हैं.हसन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के लोगों की रक्षा करेंगे.सपा के प्रतिनिधिमंडल में उत्तर प्रदेश के अताउर रहमान, वीरपाल सिंह, एसके राय, सुल्तान बेग और अरशद खान शामिल थे.उनके साथ अब्दुल मतीन सिद्दीकी और शोएब अहमद सहित स्थानीय पार्टी नेता भी थे.


कितने लोगों ने कब्जा किया है रेलवे की जमीन पर


रेलवे के मुताबिक उसकी भूमि पर 4,365 लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है.हालांकि विपक्षी दलों का दावा है कि बस्ती में निवासियों की संख्या बहुत अधिक है. नैनीताल के जिलाधिकारी डीएस गर्ब्याल ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की तैयारी की जा रही है.उन्होंने कहा,''यह हाई कोर्ट का आदेश है.इसका पालन करना होगा.’’


हल्द्वानी के एसडीएम मनीष कुमार ने कहा कि क्षेत्र के निवासियों को अदालत के आदेश के बारे में सूचित कर दिया गया है और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया 10 जनवरी से शुरू होने की संभावना है.


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