मेरठ, एबीपी गंगा। मेरठ में मेडिकल थाना क्षेत्र के जागृति विहार में रिटायर्ड एलआईसी अधिकारी द्वारा बच्चियों के यौन शोषण मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने ब्लैकमेलर व बच्चियों के यौन शोषण करने वाले हैवान को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि इस मामले में आरोपी के घर सीसीटीवी कैमरे लगाने वाले युवक आशु को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।



एसएसपी ने बताया की वायरल हुई सभी वीडियो फुटेज पिछले 6 महीने से लेकर जनवरी माह तक की हैं। उन्होंने बताया कि आशू ने लगभग 6 महीने पहले आरोपी एलआईसी रिटायर्ड अधिकारी के घर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। मगर जब आरोपी अधिकारी ने इन कैमरों की फुटेज स्टोर करनी चाही तो सीसीटीवी कैमरा लगाने वाले युवक आशु ने अश्लील वीडियो को पेन ड्राइव में कॉपी करके उल्टा आरोपी को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आशु अपने मकसद में कुछ हद तक कामयाब भी रहा और आरोपी को धमका कर कुछ रकम भी ऐंठ ली। मगर एक समय आने पर जब आरोपी रिटायर्ड अधिकारी ने अपने घर में सीसीटीवी कैमरा लगाने वाले आशु को रकम देने से इंकार कर दिया तो उसने इस पूरे कांड की सीसीटीवी फुटेज मीडिया में वायरल कर दी।


एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया आरोपी आशु को आईटी एक्ट, साक्ष्यों को छिपाने और आरोपी को ब्लैकमेल करने की धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। इसी के साथ मुख्य आरोपी एलआईसी के रिटायर्ड अधिकारी विमल कुमार को नाबालिग और बालिग पीड़िताओं के साथ दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी अपने घर पर गरीब और घर की सफाई आदि करने वाली बच्चियों को कई तरह के प्रलोभन देकर बुलाया करता था। इसके बाद उन्हें लालच देकर उनके साथ गलत काम किया करता था।



एसएसपी का कहना है कि आरोपी ने बताया कि उसने लगभग तीन नाबालिग और तीन बालिग पीड़िताओं का शोषण किया है। किशोरियों और युवतियों को अपने जाल में फंसा कर आरोपी के चंगुल में फंसाने वाली कुछ महिलाओं को भी चिन्हित किया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।


बताते चलें कि जागृति विहार निवासी एलआईसी के रिटायर्ड अधिकारी के कुछ अश्लील फोटो वायरल हुए थे। जिनमें आरोपी कुछ मासूमों के साथ बेहद आपत्तिजनक हालात में नजर आ रहा था। जिसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में आरोपी को हिरासत में ले लिया था। इस पूरे घटनाक्रम में जहां आरोपी ने अपनी अमानवीय हरकत से मानवता को शर्मसार किया है। वहीं, उसके अपराध को छुपाने में आरोपी के घर सीसीटीवी कैमरे लगाने वाले आशु का अपराध भी कम नहीं है। यदि आशू पूरा प्रकरण संज्ञान में आने पर 6 महीने पहले ही मामले की जानकारी पुलिस को देता तो शायद कई मासूम उस अधेड़ वहशी की हवस का शिकार होने से बच सकती थी। बहरहाल, अब पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी कर रही है। इस मामले में पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमे पहली एफआईआर मासूम बच्चियों की तरफ से है, दूसरी चाइल्ड हेल्प लाइन की केअर टेकर की तरफ से है और तीसरी एफआईआर विमल चंद की तरफ से आशु पर ब्लैकमेलिंग की कराई गई है।