Meerut News: हिन्दू संस्कृति में जब किसी इंसान की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन, रस्म पगड़ी और ब्रह्म भोज की परंपरा है. लेकिन मेरठ के फफूंडा गांव में जानवर और इंसान के बीच प्रेम और समर्पण का एक अनोखा मामला देखने को मिला, जब यहां रहने वाले एक रिटायर्ड सूबेदार ने अपने बैल की मौत पर ब्रह्म भोज का आयोजन करने किया. जिसमें शामिल होने के लिए करीब एक हजार लोगों को बुलावा दिया गया.


हिन्दू रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार


बैल के मालिक रिटायर्ड सूबेदार विजय सिंह भड़ाना ने बताया कि नवबर 2000 में पुलिस ने उनके गांव के बाहर गोवंश से लदी एक गाड़ी पकड़ी थी. जिन्हें कटान के लिए ले जाया जा रहा था. पुलिस ने आरोपियों को जेल में भेजकर एक गोवंश को उनके बेटे को दे दिया. उस समय बैल की आयु तीन साल थी. सूबेदार के स्वजन ने बैल का नाम भगत जी रखकर उसका पालन पोषण बड़े चाव से किया. 25 साल की आयु पूरी करने के बाद 23 फरवरी को उनके बैल भगत जी की मौत हो गई. जिसके बाद उसे हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दफना दिया गया.  


बैल के लिए आयोजित की शोक सभा


विजय भड़ाना ने कहा कि बैल आत्मा की शांति के लिए ब्रह्म भोज का आयोजन किया है. शोक सभा भी की जाएगी. भगत हमारे घर हिस्सा था. सभी को प्यारा था. जब तक उसे काम हुआ तब तक बुग्गी में चला जब उसकी उम्र हो गयी तो हम सबने उसकी सेवा की ओर खेत पर काम करने के लिए टैक्टर ले आये. 23 फरवरी को उसकी मौत हो गयी तो आज हमने हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार उसकी आत्मा की शांति में लिए हवन ओर ब्रह्म भोज का आयोजन किया है सभी रिश्तेदार आस पड़ोस के लोग इसमें सम्मिलित होंगे.