UP Politics: अखिलेश यादव के इस फैसले पर बीजेपी ने उठाए सवाल, कहा- 'जो धर्म को गाली देगा उसे मिलेगा सम्मान'
UP Politics: बीजेपी नेता ऋचा राजपूत ने कहा कि सपा का हिंदू विरोधी होना नया नहीं है, जो हिंदू धर्म के लिए बुरा बोलेगा उसे उस पार्टी में सम्मान मिलेगा, ये तो उनकी पुरानी स्ट्रेटेजी रही है.
UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की दो महिला नेताओं के निष्कासन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर पलटवार किया है. बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा सिंह राजपूत ने इसे लेकर सपा को घेरने की कोशिश की और कहा कि अगर रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह ने कुछ लिखा है तो रामचरितमानस के लिए ही लिखा है. उन्होंने व्यक्तिगत तो कुछ लिखा नहीं. व्यक्तिगत पद की मांग नहीं की, अगर कोई महिला पढ़ी लिखी है और अपने हक की बात करेगी तो क्या उसे बाहर निकाल देंगे.
बीजेपी नेता ने अखिलेश यादव पर सवाल उठाया कि क्या आपकी पार्टी में जो महिला को गाली देंगे, धर्म का विरोध करेंगे उन्हीं को सम्मान मिलेगा. ऋचा राजपूत ने कहा कि जो जिस समाज से आती हैं आपने तो उनसे मिलने तक का समय नहीं दिया, आप कैसे नेता हैं अखिलेश यादव जी.
बीजेपी ने उठाए सपा पर सवाल
ऋचा राजपूत ने कहा कि समाजवादी पार्टी का हिंदू विरोधी होना कुछ नया नहीं है जो हिंदू धर्म के लिए बुरा बोलेगा उसे उस पार्टी में सम्मान मिलेगा ये तो उनकी पुरानी स्ट्रेटेजी रही है. अगर कोई ऑस्ट्रेलिया से पढ़ कर आएगा उसको विरासत में सत्ता मिल जाएगी तो वो हमारी संस्कृति को क्या जानेंगे. उन्होंने कहा कि वो जिस तरीके से महिलाओं का अपमान करते रहेंगे जो भी महिला उनकी पार्टी में बोलना चाहेगी. अगर आप महिलाओं को हक नहीं दे सकते तो हिस्सेदारी कैसे देंगे.
ऋचा राजपूत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक विचारधारा है जो हमेशा महिलाओं के सम्मान के लिए अपने धर्म के लिए काम करती है हम विकास के रास्ते पर चलते हैं जिसको उछलना है लड़ाई करनी है वह करें. इनका रामचरितमानस का मुद्दा निराधार है. अब तो दूसरे धर्म के लोग भी इसका समर्थन कर रहे हैं कि राम हमारे आदर्श हैं. राम से हटकर भारत का कोई अस्तित्व नहीं है.
'बीजेपी में होता है महिलाओं का सम्मान'
उन्होंने कहा कि बीजेपी तो एक बहती गंगा है इसमें जिसको भी यहां आना है वो आता है तब उसको पता चलता है कि असल में हम कहां रह रहे थे. वहां इतना अपमान था और यहां बीजेपी में कितना सम्मान है. महिलाओं की हिस्सेदारी पर बात होती हैं, चाहे वो कहीं भी रहें अपने घर में रहे भाजपा में रहें, उनका सम्मान होना चाहिए. अगर पढ़ी-लिखी महिला कुछ कहना चाहती तो उसकी बात को सुनना चाहिए. उन्होंने कितने ट्वीट किए, लेकिन अखिलेश यादव ने ऐसी पट्टी बांध रखी है जो शायद अभी ना खुले.
ऋचा राजपूत ने कहा कि दोनों महिला नेताओं को पार्टी से निकालना समझ नहीं आया क्योंकि उनकी भाषा अभद्र नहीं थी. रिचा सिंह हो रोली मिश्रा हो बहुत सम्मान से बात कर रहे थे. ये तो सोचने वाली बात है जो महिला उस पार्टी में हैं उनका भी अस्तित्व खतरे में हैं, क्योंकि असुरक्षा का माहौल है. बीजेपी नेता ने कहा कि वो मेरी बहन हैं मुझसे मिलने आएं, आपका स्वागत है. उनकी इच्छा है कि वो जिस पार्टी में जाना चाहें, लेकिन उन्हें वहां जाना चाहिए जहां पार्टी में उनका सम्मान हो.
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