Prayagraj News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से दो महिला नेत्रियों के निष्कासन का मामला अब चुनाव आयोग (Election Commission of India) पहुंच गया है. पार्टी की प्रवक्ता रही तेजतर्रार महिला नेत्री ऋचा सिंह ने समाजवादी पार्टी से अपने निष्कासन को चुनाव आयोग में चुनौती दी है. उन्होंने इस बारे में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और कहा है कि पार्टी ने उन्हें कोई नोटिस जारी किए बिना और उनका पक्ष लिए बिना ही उन्हें बाहर निकाल दिया. यह देश व समाजवादी पार्टी के संविधान के खिलाफ और अलोकतांत्रिक है. ऋचा सिंह ने इस मामले में चुनाव आयोग से दखल दिए जाने की मांग की है. ऋचा ने यह भी कहा है कि अगर चुनाव आयोग ने उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की तो वह इस मामले को हाईकोर्ट ले जाएंगी.


ऋचा सिंह ने चुनाव आयोग में आज ही शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने अपनी शिकायत ईमेल के माध्यम से आयोग को भेजी है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि निष्कासन से पहले पार्टी ने ना तो उन्हें कोई नोटिस जारी किया. ना ही उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया और ना ही किसी कमेटी से कोई जांच कराई गई. सीधे तौर पर उनका निष्कासन कर दिया गया. यह प्रक्रिया ना सिर्फ देश व समाजवादी पार्टी के संविधान के खिलाफ है, बल्कि पूरी तरह से अलोकतांत्रिक भी है. समाजवादी पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है. उसका अपना संविधान है. ऐसे में किसी को भी अलोकतांत्रिक तरीके से मनमाने तौर पर पार्टी से बाहर नहीं निकाला जा सकता.


चुनाव आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में उन्होंने समाजवादी पार्टी के संविधान की कॉपी भी संलग्न की है, जिसके पैरा 30 में लिखा हुआ है कि अनुशासनहीनता के मामले में अध्यक्ष कम से कम 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाएंगे. यह कमेटी पूरे मामले में जांच करेगी. आरोपियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा. उसके बाद ही अध्यक्ष कोई कार्यवाही करेंगे. ऋचा सिंह ने कहां है कि चुनाव आयोग ने पिछले दिनों शिवसेना के मामले में भी इसी आधार पर फैसला लिया था. अगर चुनाव आयोग इस मामले में दखल देकर कोई उचित कार्यवाही नहीं करता है तो उनके सामने कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है और वह अदालत तक इस मामले को जरूर ले जाएंगी.


सपा ने ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया
ऋचा सिंह पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लगातार मुखर हैं. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को एक बार फिर से भस्मासुर कहा है और आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी को समाप्त करने का एजेंडा लेकर सपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य और अपने मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुप्पी पर हैरानी जताई है.


UP Politics: अखिलेश यादव ने अब मंदिर को लेकर योगी सरकार पर कसा तंज, जानें- क्या कहा?


गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने पिछले हफ्ते पार्टी की महिला नेत्री ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा को अचानक पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की गई. दोनों महिला नेत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर सवाल उठाए जाने के खिलाफ थीं और सोशल मीडिया के जरिए अपना एतराज पार्टी हाईकमान तक पहुंचा रही थीं. पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना और दोनों नेताओं को बाहर निकाल दिया.