Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऋषिकेश (Rishikesh) में लक्ष्मण झूला और रामझूला के मध्य गंगा के बीच टापू में एक साधु बाबा तीन दिन से फंसे थे. पास में संपर्क का कोई साधन ना होने की वजह से वे किसी से मदद भी नहीं मांग पा रहे थे. स्थानीय नागरिकों की सूचना पर एसडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार की दोपहर रेस्क्यू कर बाबा को सुरक्षित टापू से निकाला. एसडीआरएफ के निरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण ने बताया कि क्षेत्र में तैनात जवान रितेश की तलाश की जा रही थी.
उफन रही थी गंगा की धारा
एसडीआरएफ के निरीक्षक ने बताया कि, टापू में बाबा फंसे हुए थे और दोनों ओर गंगा की धारा उफन रही थी. उन्होंने बताया कि लक्ष्मण झूला और राम झूला के बीच गंगा में बने टापू में एक साधु बाबा नजर आ रहे थे. टापू के दोनों ओर गंगा की धारा उफन रही थी. मौके पर एसडीआरएफ की टीम में शामिल किशोर कुमार, ओम प्रकाश, अमीचंद, पंकज, जितेंद्र, कपिल कुमार को रवाना किया गया.
कैसे फंस गए यहां
किसी तरह से टीम के सदस्य टापू तक पहुंचने में सफल रहे. वहां पर एक बाबा मिले जिन्होंने अपना नाम चंदन दास (42 वर्ष) लक्ष्मी नारायण मंदिर राम झूला मुनिकीरेती बताया. चंदन दास ने टीम को जानकारी दी कि तीन दिन पूर्व टापू के एक छोर पर पानी कम था, इसलिए वे टापू तक पहुंच गए. जब वे वापसी करने वाले थे तो पानी अचानक बढ़ गया और तेज बारिश हो रही थी.
तीन दिन तक रहे भूखे प्यासे
तीन दिन तक बाबा ने भूखे रहकर समय बिताया. उन्हें टापू से पार पहुंचने का मौका ही नहीं मिला. उनके पास मोबाइल या अन्य संपर्क का कोई साधन भी नहीं था. जिस कारण वे तीन दिन तक भगवान को ही याद करते रहे. शुक्रवार को उनको सकुशल रेस्क्यू कर टापू से बाहर निकाल लिया गया.