UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के निजी सचिव को हिरासत में लिए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है. पहले कांग्रेस (Congress) नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) की इसपर प्रतिक्रिया आई, इसके बाद आरएलडी (RLD) नेता रोहित अग्रवाल (Rohit Agarwal) की भी प्रतिक्रिया आई है.
आरएलडी नेता ने कहा, "शिवपाल सिंह यादव पहुंचे. हंगामा हुआ और अंकुश के ऊपर तमंचा लगाकर जेल भेजने का प्लान अधूरा रह गया. अब पुलिस कह रही है कि गाड़ी चैकिंग के दौरान विवाद के बाद अंकुश को थाने लाया गया था. यह पहली घटना नहीं है. लखनऊ पुलिस बेलगाम हो रही है. कोई पत्रकार सवाल उठाता है तो उसे नोटिस भेज देती है. कई घटनायें ऐसी सामने आयी है जब बिना कारण पैसे के चक्कर में पुलिस ने ना सिर्फ अवैध हिरासत में रखा बल्कि पीटा भी."
सरकार के इकबाल पर सवाल
रोहित अग्रवाल ने कहा, "यह किसी दूरदराज़ जिले में नहीं बल्कि यूपी की राजधानी लखनऊ में हो रहा है जहां सीएम और डीजीपी दोनों बैठते हैं. ऐसी घटनायें सरकार के इकबाल पर सवाल खड़े करती है. अगर आज शिवपाल सिंह यादव नहीं पहुँचते तो अंकुश जेल भेज दिये जाते." वहीं निजी सचिव के लिए थाना पहुंचने पर शिवपाल यादव की कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने तारीफ की. उन्होंने कहा, "योगी राज में “निरंकुश” हो चुकी पुलिस के क़ब्ज़े से अपने निजी सचिव अंकुश को मुक्त कराने के लिये आधी रात को ख़ुद थाने पहुँच जाना, सपा के “क़द्दावर” नेता शिवपाल सिंह यादव के किरदार को और बड़ा कर देता है."
बताया जाता है कि यूपी पुलिस ने शिवपाल यादव के निजी सचिव के गाड़ी से असलहा बरामद किया था. इस वजह से लखनऊ के गौतमपल्ली थाना की पुलिस ने निजी सचिव को हिरासत में लिया था. निजी सचिव को हिरासत में लिए जाने के बाद सपा नेता खुद गौतमपल्ली थाना पहुंच गए. जिसके बाद निजी सचिव को छोड़ दिया गया. अब उन्हें हिरासत में लिए जाने के मामले में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.