UP Politics: साक्षी मलिक के फैसले पर जयंत चौधरी की पहली प्रतिक्रिया, कहा- 'आश्वस्त रहें और...'
साल 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक द्वारा कुश्ती से संन्यास का एलान करने के बाद आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की प्रतिक्रिया आई है.
UP News: आंखों में आंसू लिये रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. बृज भूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत का विरोध करते हुए उन्होंने ये एलान किया है. उनके इस फैसले के बाद फिर से सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. इसपर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने उन्हें सलाह दी है.
दरअसल, शीर्ष पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में चल रहा है. लेकिन जब गुरुवार को WFI के अध्यक्ष पद के लिए संजय सिंह चुनाव जीत गए तो साक्षी मलिक ने संन्यास का एलान कर दिया है. इसपर जंयत चौधरी ने कहा, 'आश्वस्त रहें और प्रेरणा देते रहें.'
Corona Cases: नोएडा में कोरोना की दस्तक, नेपाल से आया शख्स मिला संक्रमित, गुरुग्राम में करता है काम
इस अंदाज में किया संन्यास का एलान
डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की. इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को काफी निराशा हुई जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था. टेबल पर अपने जूते रखकर साक्षी ने नाटकीय अंदाज में संन्यास की घोषणा की.
साक्षी की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं. आज के बाद आप मुझे मैट पर नहीं देखोगे. राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 31 वर्षीय साक्षी ने कहा, ‘‘हम एक महिला अध्यक्ष चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’’
साक्षी के 13 साल के करियर का आकर्षण 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतना रहा, उन्होंने अपने करियर में राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते जिसमें 2022 चरण का स्वर्ण पदक शामिल है. इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में भी चार पदक अपने नाम किये. वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं.