UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के बीच गठबंधन लगभग तय हो गया है. हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई औपचारिक एलान नहीं हुआ है. इस बीच आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि हम अपने सभी संदेश 7 दिसंबर को देंगे.


7 दिसंबर को सपा-रालोद की संयुक्त रैली को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि कार्यकर्ता खुश हैं कि गठबंधन की घोषणा लगभग हो चुकी है. जब मैं अखिलेश यादव से मिला, तो इसने एक संदेश दिया. हमारी परंपरा है कि फैसले बंद दरवाजों के पीछे नहीं लिए जाते हैं, जनता में चर्चा होती है. हम अपने सभी संदेश 7 दिसंबर को देंगे.


जयंत चौधरी ने कहा कि हम लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनावों से पहले पहली बार एक राजनीतिक मंच साझा करेंगे. लोग बेहतर विकल्प देखना चाहते हैं. वर्तमान स्थिति में, एक विफल 'डबल इंजन' सरकार है. लोग इसका विरोध कर रहे हैं.


क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को नुकसान होगा?


बता दें कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के साथ आने से राजनीतिक जानकार ये तो तय मान रहे हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को नुकसान हो सकता है. अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने बीजेपी के इस नुकसान का पूरा फायदा उठाने की तैयारी कर ली है. जयंत चौधरी की पार्टी का पश्चिमी यूपी के 13 जिलों में प्रभाव माना जाता है. अगर ये गठबंधन वोट बटोरने में कामयाब रहा, तो बीजेपी की राहें वाकई मुश्किल हो सकती हैं.


आरएलडी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग 13 ज़िलों में अच्छी पकड़ और मज़बूत कैडर है और ये भी कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से आरएलडी को अच्छी लीड मिल सकती है. समाजवादी पार्टी और आरएलडी के गठबंधन की कोशिश है कि वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ किसानों की नाराजगी का फायदा उठाएं.


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