One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रस्ताव की मंजूरी के बाद आरएलडी चीफ और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्षी दलों की बयानबाजी पर भी पलटवार किया है.


‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ प्रस्ताव पर विपक्ष की बयानबाजी पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा, " कैबिनेट ने एक फैसला लिया है. इसके बारे में काफी विचार-विमर्श किया गया था. हमें कोई बयान देने से पहले इसके बारे में सोचने की जरूरत है. सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बेहतरीन फैसले ले रही है."


सपा प्रमुख की प्रतिक्रिया
वहीं अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार? ⁠भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे?"


उन्होंने लिखा, "⁠किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा? इसको लागू करने के लिए जो संवैधानिक संशोधन करने होंगे उनकी कोई समय सीमा निर्धारित की गयी है या ये भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के ठंडे बस्ते में डालने के लिए उछाला गया एक जुमला भर है?"


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उन्होंने लिखा, "कहीं ये योजना चुनावों का निजीकरण करके परिणाम बदलने की तो नहीं है? ऐसी आशंका इसलिए जन्म ले रही है क्योंकि कल को सरकार ये कहेगी कि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराने के लिए उसके पास मानवीय व अन्य जरूरी संसाधन ही नहीं हैं, इसलिए हम चुनाव कराने का काम भी (अपने लोगों को) ठेके पर दे रहे हैं. जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर जिले-नगर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे।"