UP News: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी का समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन जारी रहेगा और कांग्रेस के साथ गठजोड़ की संभावना पर विपक्ष विचार करेगा. रालोद अध्यक्ष चौधरी ने बागपत से पार्टी के 15 दिवसीय 'समरसता अभियान' की शुरुआत करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ''समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन है और यह जारी रहेगा.'' सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के इस दावे का समर्थन कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को वहां समर्थन देगी जहां वह मजबूत है.
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता से जुड़े बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए यादव ने हाल ही में कहा था कि जो पार्टी राज्य में मजबूत है उसे वहां चुनाव लड़ना चाहिए. वर्ष 2017 के उप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी से सपा दूरी बनाए हुए है. हालांकि, उप्र में मुख्य विपक्षी दल सपा ने पिछले संसदीय चुनावों में रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. कांग्रेस ने भी पिछले साल मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतारा.
चौधरी ने निकाय चुनाव में रालोद को मिली सफलता का पूरा श्रेय कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा कि न तो वह और न ही हमारे बड़े नेता प्रचार करने आए, बल्कि कार्यकर्ताओं ने खुद मेहनत की. हालांकि, पूरा विपक्ष उप्र के 17 नगर निगमों में महापौर की किसी भी सीट पर जीत हासिल करने में नाकाम रहा, लेकिन सपा और रालोद ने नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत चुनावों में कुछ पदों पर जीत हासिल की. इससे पहले बागपत से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने 15 दिवसीय 'समरसता अभियान' की शुरुआत करते हुए चौधरी ने कहा कि आज देश को एकता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम कुछ नहीं है, हम सब एक हैं और एक मुल्क में रहते हैं.
जैन धर्मशाला बागपत में समरसता अभियान तथा धन्यवाद सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने निकाय चुनाव में जीत हासिल करने वाले पार्टी प्रत्याशियों को बधाई दी और कहा कि जिसने वोट दिया उनका भी सम्मान करें और जिन्होंने वोट नहीं दिया उनका भी सम्मान करें. उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों को नसीहत दी कि शहर के लोगों को साथ लेकर चलने का काम करें, शहर में जो विकास रह गया उसे अब कराने का काम करें. रालोद अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक शहर में 28 फीसदी लोग रहते हैं यानी गांवों में ना तो विकास हुआ और ना ही लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिला, इसलिए लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं.
ऐसे में स्थानीय निकायों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. जयंत ने चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि बागपत के लोग उनको भी वैसा ही आशीर्वाद देंगे. रालोद प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र और पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के पुत्र हैं. रालोद के वरिष्ठ नेता राज कुमार सांगवान ने बताया कि समरसता अभियान का समापन तीन जून को चांदपुर और बिजनौर में होगा. उन्होंने कहा कि समरसता अभियान का पहला चरण 12 फरवरी को चौधरी अजीत सिंह की जयंती मनाने के लिए शुरू किया गया था और अब दूसरा चरण आज बागपत से शुरू हुआ है. अगले 15 दिनों में पश्चिमी उप्र के धनौरा, नौगांव, फतेहपुर सीकरी, आगरा ग्रामीण, मुरादनगर, मोदीनगर, बिजनौर और चांदपुर में अभियान चलाया जाएगा. गौरतलब है हि चौधरी अजीत सिंह ने समरसता अभियान की शुरुआत की थी और उनके निधन के बाद उनके बेटे जयंत चौधरी ने अभियान जारी रखने का फैसला किया.