UP Politics: सतीश महाना के जवाब पर जयंत चौधरी का पलटवार, विक्रम सिंह सैनी के खिलाफ 'एक्शन' पर कसा तंज
उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly Speaker) के स्पीकर सतीश महाना (Satish Mahana) के जवाब पर आरएलडी (RLD) चीफ जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने पलटवार किया है.
UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) के विधायक की सदस्यता रद्द होने के बाद से ही सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. अब एक बार फिर से उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly Speaker) के स्पीकर सतीश महाना (Satish Mahana) के जवाब पर आरएलडी (RLD) चीफ जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने पलटवार किया है.
जयंत चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा, "उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष जी का पत्र प्राप्त हुआ. सदस्यता के प्रश्न पर उन्होंने स्पष्ट किया की सदन के अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं होती बल्कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत न्यायालय के द्वारा दण्डित करने पर स्वतः समाप्त होती है. बात साफ हो गई." उन्होंने आगे लिखा, "विक्रम सैनी की सदस्यता समाप्त हो चुकी है."
जंयत चौधरी का ट्वीट
आरएलडी प्रमुख ने कहा, "दुर्भाग्य है भाजपा विधायक - विक्रम सैनी के संदर्भ में 1 महीने बाद भी MP MLA कोर्ट के निर्णय की प्रति सचिवालय को प्राप्त नहीं हुई. इसलिए उनके स्थान को रिक्त घोषित नहीं कर पाए. विपक्ष के सदस्यों की सेवा त्वरित हो जाती है." हालांकि इससे पहले जयंत चौधरी ने 29 अक्टूबर को पत्र लिखा था. जिसमें लिखा गया था, "अध्यक्ष के स्तर पर मेरे द्वारा किसी सदस्य को न्यायालय द्वारा दंडित करने की स्थिति में सदस्यता रद्द किये जाने का निर्णय नहीं लिया जाता है."
उन्होंने अपनी चिट्ठी में जुलाई 2013 में आये फैसले का हवाला देते हुए कहा ''सदन के किसी सदस्य को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा आठ (3) के अन्तर्गत किसी भी न्यायालय द्वारा दंडित किये जाने पर उसकी सदस्यता निर्णय के दिनांक से स्वतः: समाप्त मानी जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसी निर्णय में यह भी अवधारित किया गया है कि लोक प्रतिनिधित्व 1951 की धारा आठ (4) के अंतर्गत अपील करने के आधार पर ऐसे सदस्य को कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा.’’
सतीश महाना का जवाब
जिसके जवाब में सतीश महाना ने कहा, "जहां तक विधान सभा सचिवालय द्वारा किसी माननीय सदस्य को न्यायालय द्वारा दंडित किए जाने के पश्चात रिक्ति घोषित करने का प्रश्न है, यह कार्यवाही निर्णय की प्रति प्राप्त होने के पश्चात सचिवालय द्वारा की जाती है. मेरे द्वारा विक्रम सिंह सैनी के संबंध में विधान सभा सचिवालय को विधि संगत कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये जा चुके हैं. उपयुक्त होता यदि आप प्रस्तुत प्रकरण में मेरा ध्यान आकर्षित करने से पूर्व सही स्थिति ज्ञात कर लेते."