Jayant Chaudhary on UP Road Accidents: सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और लापरवाही लोगों को भारी पड़ रही है. उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के मामले 6.59 फीसद तक बढ़े हैं. परिवहन विभाग ने इस साल अक्टूबर के अंत तक का आंकड़ा जारी किया है. आंकड़ों में कुल 36,476 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं. ताजा आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 2,256 ज्यादा है. अक्टूबर 2022 के अंत तक 34,220 सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आए थे. हादसों में जान गंवाने वालों का भी आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है.


रालोद प्रमुख जयंत ने गिनाए दुर्घटनाओं के कारण


मरने वालों की संख्या अक्टूबर के अंत तक 19,290 है. मौत के आंकड़े में पिछले साल से 4 फीसद की बढ़ोतरी है. अक्टूबर 2022 के अंत तक हादसों में मरने वालों की संख्या 18,532 थी. सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ने पर सियासत शुरू हो गई है. रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया. जयंत चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सड़कों का खराब डिजाइन, निर्माण, गड्ढे और आवारा पशुओं के अलावा नियमों का कम पालन प्रमुख कारक हैं.


सीएम ने ली थी बैठक


बता दें कि शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री निवास पर डेटा का प्रजेंटेशन किया गया था. बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के निर्देश दिए थे. उन्होंने बताया था कि कानपुर, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर और मथुरा में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि खराब सड़कों के अलावा तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग और नशे में ड्राइविंग को भी दुर्घटनाओं का कारण माना जाता है. इसलिए बड़े शहरों को एक्सप्रेसवे या राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने पर काम होना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी ने हर जिले में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की नियुक्ति से संबंधी प्रस्ताव मांग लिया था. 


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