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RLD से गठबंधन का BJP को नहीं हुआ फायदा! कई सीटों पर हुई हार, अब ये कदम उठाएगी जयंत की पार्टी
UP Politics: बीजेपी ने गठबंधन धर्म को निभाते हुए जयंत चौधरी को मंत्री भी बनाया है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पश्चिमी यूपी में कई सीटों की हार पार्टी को चुभ रही है.
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Jayant Chaudhary News: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व में सबसे मजबूत गठबंधन होने के बाद भी कई सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल अपनी दो सीटें तो जीत गई लेकिन बीजेपी के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे. जयंत चौधरी अब इसकी समीक्षा करेंगे.
लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में पश्चिमी यूपी की 16 सीटों पर वोटिंग हुई थी. उम्मीद थी कि रालोद से अलाइंस होने की वजह बीजेपी का प्रदर्शन और बेहतर होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रालोद-बीजेपी गठबंधन सिर्फ नौ सीटों पर ही जीत हासिल कर सका. कई सीटें तो ऐसी थी जहां 2019 में बीजेपी अपने दम पर जीती थी. हालांकि रालोद बिजनौर और बागपत दोनों सीटें जीतने में कामयाब रहा.
बीजेपी को जिता नहीं पाई रालोद
चुनाव के दौरान भी जयंत चौधरी ने तमाम सीटों पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ जनसभाएं भी की. जयंत पीएम मोदी के साथ भी मंच पर नजर आए. बावजूद इसके बीजेपी को मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, जैसी कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, जबकि ये सीटें रालोद के प्रभाव वाली मानी जाती रही है.
बीजेपी ने गठबंधन धर्म को निभाते हुए जयंत चौधरी को मंत्री भी बनाया है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पश्चिमी यूपी की हार पार्टी को चुभ रही है. जिसके बाद अब जयंत चौधरी ने नतीजों की समीक्षा शुरू कर दी है. खबरों के मुताबिक रालोद मुखिया ने जिला पदाधिकारियों से संगठन पर रिपोर्ट माँगी है और पूछा गया है कि क्यों रालोद बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं दिला पाई.
माना जा रहा है कि बीजेपी की हार के पीछे संगठन और कई नेताओं की निष्क्रियता की बात भी सामने आई हैं. मोदी 3.0 में मंत्री बनने के बाद जयंत चौधरी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है. अगर पार्टी का यही हाल रहा तो 2027 में भी इसका असर देखने को मिल सकता है. इसलिए रालोद अभी से संगठन को मजबूत करने में जुट गई है. चुनाव में निष्क्रिय रहने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं पर भी गाज गिरना तय है.
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