Jayant Chaudhary Letter to FM: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने टायर ट्यूब, एक्सेल और व्हील को जीएसटी से मुक्त करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा है. गुरुवार को रालोद ने एक्स पर जयंत चौधरी का पत्र पोस्ट किया है. रालोद ने लिखा कि किसानों के हितों के पक्ष में बैलगाड़ी एवं भैंसा बुग्गी के टायर ट्यूब एवं एक्सेल तथा व्हील को जीएसटी से मुक्त करने के लिए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है.
इस पत्र में जयंत चौधरी ने लिखा कि वित्त मंत्री जी, मुझे इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं इंडस्ट्रीज एण्ड ट्रेडर्स वैलफेयर एसोसिएशन के प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें सरकार द्वारा उन कृषि यंत्रों पर भारी जीएसटी दरों के प्रति असंतोष व्यक्त किया गया है, जो गरीब किसानों के उपयोग में आते हैं. मसलन बैलगाड़ी, भैंसागाड़ी तथा ऊंटगाड़ी पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है, वहीं इन गाड़ियों में प्रयोग किये जाने वाले टायर ट्यूब पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है, जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है.
चौधरी चरण सिंह का किया जिक्र
रालोद अध्यक्ष ने आगे लिखा कि इन पशुचालित वाहनों के एक्सेल, व्हील पहले कर-मुक्त थे. अब नई प्रणाली में इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है. मैं आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने 1963 में उत्तर प्रदेश में कृषि मंत्री एवं 1979 में केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए न केवल कृषि यंत्रों की कीमतों में कमी की थी, बल्कि इन पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में भी छूट दी थी.
"अजित सिंह ने कृषि यंत्रों पर घटाई थीं ब्याज दरें"
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार चौधरी अजित सिंह ने 2001 में केन्द्रीय कृषि मंत्री रहते हुए कृषि यंत्रों पर ब्याज दरें घटाई थीं. उन्होंने ट्रैक्टर पर लगने वाली ब्याज-दर, जो पहले 14 प्रतिशत से 18 प्रतिशत थी, को 9.5-10 प्रतिशत कर दिया था. ये पशुचालित वाहन उन छोटे किसानों एवं छोटे व्यापारियों के परिवहन के काम आते हैं, जिनकी ट्रैक्टर आदि खरीदने की सामर्थ्य नहीं होती. साथ ही ये यंत्र पूर्णतः पर्यावरण-अनुकूल होते हैं.
वित्त मंत्री से की अपील
वित्त मंत्री से अनुरोध करते हुए जयंत चौधरी ने लिखा कि आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इन पशु-चालित वाहनों में प्रयोग होने वाले टायर-ट्यूब एवं एक्सल तथा व्हील को जीएसटी से बाहर कर कर मुक्त किया जाये या इन्हें अधिकतम 5 प्रतिशत के दायरे में लाया जाये. आशा है आप छोटे किसानों एवं छोटे व्यापारियों के हित में उनकी इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगी.
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