(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस विवाद पर क्यों खामोश हैं अखिलेश यादव के बड़े सहयोगी? पढ़े यहां
UP Politics: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सभी बड़े सहयोगी दल अभी तक खामोश हैं.
Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर बयानबाजी लगातार जारी है. यहां समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने पहले इसपर विवादित बयान दिया था. लेकिन इसके बाद बीजेपी (BJP) ने समेत अन्य विरोधी दलों ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा. इस दौरान सपा के भी कई नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर नाराजगी जताई. लेकिन इस बीच सपा गठबंधन के अन्य दल अभी तक चुप हैं.
बीते दिनों से यूपी में रामचरितमानस पर हो रही बयानबाजी में अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव से लेकर मायावती तक की एंट्री हो चुकी है. बीजेपी के ओर से भी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और केशव प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं के बयान आ चुके हैं. लेकिन इस बीच सबसे खास बात ये है कि अखिलेश यादव से सहयोगी यानी सपा गठबंधन के सभी दल अभी तक इस विवाद पर पूरी तरह खामोश हैं.
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ये सभी नेता हैं खामोश
आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष पल्लवी पटेल ने अभी तक इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. दरअलस, ये सभी नेता अभी तक इसपर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए हैं. इसकी खास वजह अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बयान को माना जा रहा है. दोनों ही नेताओं के अभी तक सीधे तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से खुद को अलग रखा है.
चाचा शिवपाल यादव ने तो यहां तक कह दिया कि ये स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत बयान है, इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. ऐसे में गठबंधन के अन्य दल अभी आगे की स्थिति देखने के बाद ही अपने पत्ते खोलेंगे, इसकी पूरी संभावना जताई जा रही है. हालांकि सहयोगी दलों की खामोशी ने सपा प्रमुख को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. बता दें कि बीते उपचुनाव के बाद चंद्रशेखर आजाद सपा गठबंधन के साथ हैं.