UP News: पश्चिमी यूपी में आरएलडी को बड़ा झटका लगा है. एक तरफ आरएलडी पार्टी का विस्तार करने में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के पुराने और बड़े सिपहसलार पार्टी को अलविदा कह रहें हैं. आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव डा. मैराजुद्दीन ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. आरएलडी से इस्तीफा देते ही केन्द्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी पर बेहद हमलावर भी दिखे हैं और मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कई बड़े आरोपों की बौछार कर डाली. आरएलडी के जम्मू-काश्मीर में चुनाव लड़ने के फैंसले पर भी बहुत बड़ी बात कही है.


डा. मैराजउद्दीन अहमद पूर्व मंत्री और आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव थे. पार्टी से इस्तीफा देते ही खुलकर बोल रहें हैं. कह रहें हैं जयंत चौधरी का बीजेपी के साथ जाने का फैसला गलत था और तभी से अंदर ही अंदर घुट रहा था. जयंत चौधरी कभी बोलना भी चाहते हैं तो बीजेपी टोक देती है, क्योंकि बीजेपी लाइन खींचकर पॉलीटिक्स करती है और इसी वजह से चीजे आरएलडी में बिगड़ भी रहीं हैं और बदल भी रहीं हैं. किसान, नौजवान, दलित, पिछड़े सभी जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ जाने के फैसले से नाराज हैं.


खामोश हैं जयंत चौधरी
आरएलडी को अलविदा कहते ही डा. मैराजउद्दीन के तेवर बेहद तल्ख नजर आए. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं मुस्लिमों के साथ भी कई घटनाएं हुई, लेकिन जयंत चौधरी खामोश हैं कुछ नहीं बोले. मेरठ में मवाना में हुई कई घटनाओं का भी उन्होंने जिक्र किया और कहा कि जयंत चौधरी से बात भी की, लेकिन फिर भी खामोश रहे. आयोग के सदस्य नरेन्द्र खजूरी, राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र शर्मा और मैं कुछ लोगों के डेलीगेशन के साथ प्रशासन से मिलना चाहता था, लेकिन प्रशासन से मिलने का वक्त ही नहीं दिया. अब बताइए ये स्थिति बन गई है, क्या करता पार्टी न छोड़ता तो. इन्हीं सब बातों से दिल खट्टा हो गया.


आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव रहे डा. मैराजउद्दीन यहीं नहीं रूके. उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने से पहले जयंत चौधरी से बात की थी और उन्हें बताया था कि पानी सिर से ऊपर होता जा रहा है, लेकिन फिर भी मेरी बात को अनसुना कर दिया गया. चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत सिंह मुसलमानों, दलित और पिछड़ों सभी को साथ लेकर चलते थे, लेकिन जयंत चौधरी ने रूख बदल दिया है. उन्हें सेक्युलर फेब्रिक्स को बदलना नहीं चाहिए था. चौधरी अजीत सिंह भी बीजेपी के साथ गए थे, लेकिन बदले नहीं और सभी को साथ लेकर चले. हम उनके साथ रहे, लेकिन कभी बीजेपी के साथ जाने के बावजूद दिक्कत नहीं हुई, लेकिन जयंत चौधरी का रूख बदला हुआ है. पार्टी के कई ऐसे पुराने सिपहसलार हैं जिन्हें ये बातें नागवार गुजर रहीं है.


BJP के साथी बना रहे दूरी? सुभासपा के बाद RLD ने भी कर दिया ऐलान


चुनाव लड़ने का फैसला ड्रामा
आरएलडी जम्मू-काश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है और वो भी बीजेपी से अलग होकर. इस बारे में जब डा. मैराजउद्दीन से बात की गई तो बोले कि ये ड्रामा है. बड़े-बड़े नेता वहां चुनाव नहीं लड़ पा रहें हैं, ये वहां क्या चुनाव लड़ेंगे. ना वहां संगठन है और न पार्टी का जनाधार. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही कई और लोग पार्टी छोड़ने वाले हैं बस इंतजार कर रहें हैं. मैंने जैसे ही आरएलडी से इस्तीफा दिया बागपत, बड़ौत और छपरौली से लोगों के फोन आने शुरू हो गए कि पार्टी छोड़ रहें हैं हम भी, लेकिन मैंने कहा अभी रूकिए. उन्होंने कहा कि अपने लोगों से बातचीत करूंगा और उसके बाद ही फैसला लूंगा कि आखिर अब किस पार्टी में जाना है.