UP Politics: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा केरल स्थित वायनाड लोकसभा सीट खाली करने के फैसले के बाद अब वहां से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी. कांग्रेस के इस फैसले पर राष्ट्रीय लोकदल ने प्रतिक्रिया दी है. रालोद नेता मलूक ने कहा है कि ऐसा लगता है कि अब महाभारत शुरू होगी.


उन्होंने कहा- 20 साल की चाहत और 20 साल की तपस्या और इंतजार के बाद में आखिर में प्रियंका गांधी की इच्छा पूरी हुई. और आचार्य प्रमोद कृष्णम की भविष्यवाणी भी सच हुई कि बिना प्रियंका गांधी के कांग्रेस आगे नहीं बढ़ सकती है. लेकिन सोचने की बात है कि 20 साल से वह यूपी में एक्टिव रहीं. अमेठी और रायबरेली में प्रियंका इंचार्ज रहीं तो अब इनको साउथ में भेज दिया और राहुल गांधी ने अपने हाथ में यूपी रख लिया. तो अब लगता है अंदर ही अंदर महाभारत शुरू होने को है.



कैसा रहा है प्रियंका का सियासी सफर?
बता दें सक्रिय राजनीति में आने के बाद जनवरी 2019 में प्रियंका महत्वपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया और फिर पूरे राज्य का प्रभारी महासचिव बनाया गया. हालांकि 2019 के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन प्रियंका ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के अपने प्रयास जारी रखे.


दिसंबर 2023 में, प्रियंका को ‘‘बिना पोर्टफोलियो’’ के महासचिव बनाया गया और वह कांग्रेस की प्रमुख रणनीतिकार और बाद में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की स्टार प्रचारक के रूप में उभरीं.


प्रियंका ने संगठन को मजबूत करने में भी मदद की और हिमाचल प्रदेश में पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया और राज्य में पार्टी को सत्ता में लाने में मदद की. उनके प्रचार अभियान ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीट जीतने में मदद की. वहीं, 2019 में यह आंकड़ा 52 था.


यदि प्रियंका गांधी लोकसभा उपचुनाव जीत जाती हैं, तो यह पहली बार होगा कि सोनिया, राहुल और प्रियंका तीनों एक साथ संसद में होंगे. सोनिया गांधी फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं.