Jagdeep Dhankhar Mimicry Row: राष्ट्रीय लोकदल के नेता और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री मामले में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इस मामले को जाति से जोड़ना गलत है. रालोद नेता ने कहा कि ब्रिटिश संसद को देखिए, वहां सदन की कार्यवाही के दौरान मिमिक्री होती है. व्यंग्य एक विमर्श का हिस्सा है. कुछ को यह पसंद आ सकता है, कुछ को नहीं.'


उन्होंने कहा कि जिस संविधान की धारा में उन्होंने उपराष्ट्रपति पद का भार संभाला उसमें कहीं नहीं लिखा है कि जाति का इस्तेमाल कर सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाया जाए. जंयत ने कहा कि जिस तरीके से यह मामला उन्होंने हैंडल किया, उसमें कुछ कमियां हैं.


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मिमिक्री पर कही ये बात
रालोद नेता ने कहा कि हमारी शैली में, जहां तक जाट समाज की बात उन्होंने कही, और गांव की शैली में भी ... व्यंग्य को समझना हमसे बेहतर कोई नहीं जानता. उन्होंने कहा कि हमारे बारे में इतनी इतनी कहावते हैं, गांव में पश्चिमी यूपी में, हरियाणा में... अगर कहीं कोई जातिसूचक बात होती तो बात समझ में आती लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.


मिमिक्री को सही मानने के सवाल पर जयंत ने कहा कि ब्रिटिश संसद में तो सदन की कार्यवाही में ही मिमिक्री होती है. व्यंग्य चर्चा का हिस्सा है. किसी को अच्छी लग सकती है, किसी को बुरी.


टीएमसी सांसद ने दी सफाई
दूसरी ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर विवादों में घिरे तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने बुधवार को सफाई दी. उन्होंने कहा कि 'मॉक पार्लियामेंट' में अपने एक्ट में कभी किसी का नाम नहीं लिया और अगर राज्यसभा के सभापति ने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो 'मैं सचमुच असहाय हूं.'


उन्होंने कहा, 'मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा कभी नहीं था. धनखड़ साहब मुझसे बहुत वरिष्ठ हैं. मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे अपने ऊपर क्यों लिया है.'