RLD Nyay Yatra in Agra: जब से राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी बने हैं, पार्टी का कलेवर बदला हुआ नजर आ रहा है. अब आरएलडी जाटों तक ही सीमित नहीं है. जाटों के साथ दलितों को जोड़ने की मुहिम भी लगातार जारी है. इसी को SC-ST मोर्चा के अध्यक्ष प्रशांत कनौजिया के नेतृत्व में आज न्याय यात्रा का आगरा के अकोला में समापन हुआ. हालांकि, इस कार्यक्रम का समापन जयंत चौधरी को करना था लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक ना होने की वजह से बिना उनके ही कार्यक्रम का समापन हुआ. 


आरएलडी सर्वसमाज की पार्टी


इस मौके पर न्याय यात्रा के संयोजक और राष्ट्रीय लोकदल के एससी एसटी मोर्चा प्रभारी प्रशांत कनौजिया का कहना है कि किसान, मजदूरों, दलितों और महिलाओं का दर्द एक है, तो दवा भी एक होनी चाहिए. राष्ट्रीय लोकदल के बारे में ये कहा जाता है कि जाटों की पार्टी है, RLD सर्वसमाज की पार्टी है. सामाजिक सद्भाव बरकरार रहे, इसलिए भाईचारा सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं. किसान अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. ये सरकार इतनी अहंकार हो चुकी है, कि 11 महीने के बाद भी जूं नहीं रेंग रही है. जाट भी ओबीसी है, पिछड़ा तो मार खा ही रहा है और हम दलितों का दर्द ही एक ही है, दोनों मार खा रहे हैं, और पहली सरकार है कि जब कोई कैबिनेट रैंक का भारत सरकार में नहीं है, कांशीराम जी भी कहा करते थे कि सत्ता हर ताले की चाबी है.


मायावती से नहीं हुई पूरी अपेक्षाएं


दलित सरकार ने मायावती की सरकार बनाई, लेकिन अपेक्षा पूरी नहीं हुई, इसलिए अब दलित युवा आरएलडी की ओर देख रहे हैं, अगर राष्ट्रीय लोक दल प्रदेश की सत्ता में आती है तो, दलित युवाओं के लिए क्या फैसले लिए जाएंगे इस सवाल के जवाब में प्रशांत कनौजिया का कहना है कि, यूनिवर्सिटी में बैकलॉग भरे जाएंगे, साथ ही साल 2018 में अप्रैल माह में हुए आंदोलन में जो फर्जी मुकदमे दलितों के ऊपर लगाए गए हैं उनको वापस किया जाएगा, साथ ही आरएलडी प्रमोशन में भी आरक्षण देगी.


ये परिवर्तन का वक्त है


प्रशांत कनौजिया ने न्याय यात्रा के समापन पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा यह परिवर्तन का वक्त है और लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई है, उस घटना का अब बदला लेने का समय आ गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री स्मार्ट शहरों की बात करते हैं लेकिन हमें स्मार्ट गांव बनाने होंगे. कनौजिया ने आगे कहा कि, फसल भी लड़ाई भी लड़नी होगी और नस्ल की भी,  यह दोनों की लड़ाई है.


कौन हैं प्रशांत कनौजिया 


राष्ट्रीय लोकदल के एससी एसटी मोर्चा के अध्यक्ष प्रशांत कनौजिया पत्रकार रहे हैं और राम मंदिर को लेकर विवादित टिप्पणी के बाद योगी सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और उन्हें जेल भेज दिया था. इस समय उनको जाटों की पार्टी कहीं जाने वाली राष्ट्रीय लोक दल से दलितों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है. 7 अगस्त को सहारनपुर से प्रशांत कनौजिया के नेतृत्व में न्याय यात्रा की शुरुआत हुई थी और अब दलितों की राजधानी कहे जाने वाले आगरा में इस यात्रा का समापन हुआ है, लेकिन आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी का स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह इस न्याय यात्रा के समापन में शामिल नहीं हो सके.


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