UP News: पटना (Patna) में विपक्षी दलों की बैठक से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी पारा गर्म होने लगा है. पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बयान आया. इसके बाद अब आरएलडी (RLD) के नेताओं का बयान आया है. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी कांग्रेस के साथ जाने को तैयार है, इसपर सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, इस संबंध में फैसला 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक में किया जाएगा.


आरएलडी नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के उनके समकक्ष एम के स्टालिन और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल सहित अधिकांश विपक्षी दल बैठक में शामिल होने के लिए सहमत हो गए हैं. बैठक में भाग लेने के लिए सहमत होने वाले अन्य लोगों में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शामिल हैं.


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कांग्रेस के साथ है स्वाभाविक गठबंधन
इस बीच, रालोद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि अखिलेश यादव संसदीय चुनाव में अकेले उतरना चाहते हैं तो रालोद पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी को ‘‘शहीद नहीं बनना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत राज्य के रालोद कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि अखिलेश यादव रालोद को खत्म कर देंगे, और राज्य में दल का विस्तार नहीं करने देंगे. रालोद का कांग्रेस के साथ स्वाभाविक गठबंधन है.’’


रालोद नेता ने कहा, ‘‘मुसलमान पहले ही कांग्रेस के साथ जाने का मन बना चुके हैं और अगर रालोद, कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी साथ आ गए तो किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. रालोद कार्यकर्ता पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस से कोई खतरा नहीं है, खतरा अखिलेश यादव से है.’’ उन्होंने दावा किया कि ‘‘लोकसभा चुनाव के नतीजे में कोई भी बदलाव कांग्रेस के बिना संभव नहीं’’ है.