नई दिल्ली, एबीपी गंगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने कारोबारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के अलावा उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को उनकी अग्रिम जमानत को लेकर एक नोटिस जारी किया है। इसके जरिये मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में उन दोनों को मिली जमानत रद्द किए जाने को लेकर उनका जवाब मांगा है। इस संबंध में अब उनके जवाब के आधार पर जस्टिस चंद्र शेखर की अदालत 17 जुलाई को अगली सुनवाई करेगी।
रोबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने राबर्ट वाड्रा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उनकी जमानत रद्द कर दी जाये। क्योंकि ईडी उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को जमानत दी थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ईडी ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। जस्टिस चंद्रशेखर की कोर्ट में मामले में पर सुनवाई हुई। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में ईडी का पक्ष रखते हुए कहा कि रॉबर्ट वाड्रा ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया लिहाजा ये जरूरी है कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। जिस पर कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या मामले में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। तुषार मेहता ने नहीं में जवाब दिया। इसके बाद कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को नोटिस जारी करते हुए 17 जुलाई से पहले जवाब दायर करने के लिए कहा।
आपको बता दें कि ईडी का आरोप है कि लंदन में खरीदी गई प्रॉपर्टी को गलत तरीके से खरीदा गया है। यानी ब्लैक मनी शामिल है। लिहाजा, इस मामले में ईडी 58 घंटे से ज्यादा वाड्रा से पूछताछ कर चुकी है। वाड्रा के अलावा इस मामले में ईडी ने कई और लोगों से पूछताछ की थी। बहरहाल, अब देखना होगा कि रॉबर्ट वाड्रा अपने जवाब में कोर्ट को क्या कुछ कहते हैं और ईडी उसका काउंटर कैसे करती है।