Pakistani Pilgrims in India: हरिद्वार जिले के रुड़की में हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर का 755वां सालाना उर्स चल रहा है. साबिर कलियारी के नाम से मशहूर सूफी संत की दरगाह पर अकीतमंदों की बड़ी तादाद पहुंच रही है. सालाना उर्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से भी 107 जायरीनों का जत्था मंगलवार की सुबह रुड़की रेलवे स्टेशन पर पहुंचा. रुड़की से कड़ी सुरक्षा के बीच रोडवेज की बसों में पाकिस्तानी जायरीनों को कलियर रवाना किया गया. पाकिस्तान से लगभग 161 जायरीनों ने भारत आने के लिए वीजा मांगा था. लेकिन दूतावास से 110 लोगों के वीजा आवेदन पर स्वीकृति की मुहर लगी.


पाकिस्तान से भारत पहुंचा जायरीनों का जत्था


वीजा प्राप्त 110 जायरीनों में से 107 भारत पहुंचे. जत्थे में दूतावास के दो अधिकारी भी शामिल हैं. पाकिस्तानी जायरीनों की सुरक्षा व्यवस्था में खुफिया विभाग के साथ पुलिस जवानों को भी लगाया गया है. कलियर में साबिर मखदूम शाह की दरगाह पर चादर और फूल पेश करने के बाद 2 अक्तूबर को जायरीन वापस वतन रवाना होंगे. इस बार पाकिस्तानी जायरीनों को उत्तराखंड वक्त बोर्ड की तरफ से गीता और गंगाजल भी दिया जाएगा. गीता और गंगाजल की वजह से काफी विवाद बना हुआ है.


साबिर मखदूम शाह के उर्स में करेंगे शिरकत


साबिर मखदूम शाह की दरगाह पर चलने वाले उर्स में न केवल पाकिस्तान बल्कि बांग्लादेश साउथ अफ्रीका के भी लोग पहुंच रहे हैं. विदेशी जायरीनों के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई है. पाकिस्तानी जत्थे को ठहराने की व्यवस्था साबरी गेस्ट में की गई है. दरगाह के पास पुलिस जवानों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई है. कलियर में इस्लामी कैलेंडर के रबी उल अव्वल की पहली तारीख से सालाना उर्स शुरू होता है. हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में अकीदत का नजराना पेश करने साबिर मखदूम शाह की दरगाह पर कलियर पहुंच रहे हैं.


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