चलती ट्रेन में पेटीएम से ली रिश्वत, आरपीएफ के दो कांस्टेबल नौकरी से बर्खास्त...पढ़ें पूरी खबर
आरपीएफ के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें रिश्वत की रकम बैंक खाते में ली गई। इस तरह का मामला पहले कभी नहीं आया।
प्रयागराज, एबीपी गंगा। रेलवे में चलती ट्रेन में डिजिटल तरीके से रिश्वतखोरी का अनूठा मामला सामने आया है। इस मामले में आरपीएफ के दो सिपाहियों ने गर्भवती पत्नी को ट्रेन में चढाने के लिए चेन पुलिंग करने वाले बीएसएफ के जवान को जेल भेजने की धमकी देकर उससे दस हज़ार रूपये की रिश्वत मांगी। जवान के पास सिर्फ सात हज़ार रूपये ही नगद थे तो सिपाहियों ने बाकी के तीन हज़ार रूपये जवान के पेटीएम से एकाउंट में ट्रांसफर कराए।
बीएसएफ जवान की शिकायत पर रेलवे ने इस मामले में जांच कराई और पांच दिन में ही बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। पेटीएम से रिश्वत लेना ही दोनों सिपाहियों पर भारी पड़ गया। बर्खास्त होने के बाद उन्हें अब रेलवे से ग्रेच्युटी व कोई दूसरे लाभ भी नहीं मिलेंगे और न ही उन्हें कहीं दूसरी जगह सरकारी नौकरी मिल सकेगी। चलती ट्रेन में डिजिटल तरीके से रिश्वतखोरी के बाद आरपीएफ सिपाहियों की बर्खास्तगी का यह पहला व अनूठा मामला है।
यह घटना बारह जुलाई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की है। बीएसएफ के एक जवान को गर्भवती व बीमार पत्नी को इलाज के लिए डिब्रूगढ़ राजधानी ट्रेन से गुवाहाटी जाना था। बीमारी की वजह से पत्नी ट्रेन में नहीं चढ़ सकी तो जवान ने चेन पुलिंग कर दी और गर्भवती पत्नी को चढ़ाया। दोनों का टिकट ट्रेन के बी सिक्स कोच में था। इस ट्रेन में नार्थ सेंट्रल रेलवे जोन के कानपुर अनवरगंज पोस्ट के दो सिपाहियों आशीष चौहान व रामनयन यादव एस्कार्ट के तौर पर चल रहे थे।
चेन पुलिंग होने पर आरपीएफ के ये दोनों सिपाही बीएसएफ जवान के पास पहुंचे और उसकी दलील सुने बिना उसे जेल भेजने की धमकी देने लगे। दोनों ने जेल जाने से बचाने के एवज में दस हजार रूपये रिश्वत देने को कहा। जवान के पास सिर्फ सात हजार रूपये ही नगद थे। सिपाहियों को सात हजार रूपये लेने के बाद भी चैन नहीं आया तो उन्होंने डिजिटल तरीके से बचे हुए तीन हजार रूपये देने को कहा। जेल जाने से बचने के लिए जवान ने बाकी के बचे हुए तीन हजार रूपये पेटीएम के माध्यम से एक सिपाही के एकाउंट में ट्रांसफर किये।
जवान ने इस मामले में रेलवे में शिकायत की तो हड़कंप मच गया। चलती ट्रेन में ही जांच कराई गई तो सिपाहियों के पास रिश्वत के सात हजार रूपये और पेटीएम से ट्रांसफर हुए बाकी के तीन हजार रूपये की डिटेल्स मिल गई। दोनों को पहले सस्पेंड कर उनसे जवाब मांगा गया। डिटेल्स जांच में भी दोनों सिपाहियों को दोषी पाए जाने पर प्रयागराज के नार्थ सेन्ट्रल रेलवे ज़ोन ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। ज़ोन के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह के मुताबिक़ रेलवे रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार को लेकर ज़ीरों टालरेंस की नीति पर काम कर रहा है और इसी के मद्देनजर सिर्फ छह दिन में बर्खास्तगी की बड़ी कार्रवाई की गई है।