राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को गोरखपुर में आयोजित कार्यकर्ता शिविर में संघ के विस्तार, राजनीतिक परिदृश्य और सामाजिक सरोकारों पर चर्चा की. काशी, गोरखपुर, कानपुर और अवध क्षेत्र में संघ की जिम्मेदारी संभाल रहे संघ के करीब 280 स्वयंसेवक कार्यकर्ता विकास वर्ग में हिस्सा ले रहे हैं.


सूत्रों ने बताया कि भागवत 'एक-दो दिन' में गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सकते हैं. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के मुख्य महंत भी हैं. भागवत बुधवार को गोरखपुर पहुंचे और उनके वहां पांच दिन रहने की संभावना है.


उन्होंने शहर के चिउटाहा इलाके के एसवीएम पब्लिक स्कूल में चल रहे संघ कार्यकर्ता विकास वर्ग शिविर में स्वयंसेवकों को गुरुमंत्र दिए. यह शिविर गत तीन जून से आयोजित हो रहा है.


संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ''संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ाने और संगठन के विस्तार के सुझाव दिये. साथ ही संघ द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों के विस्तार पर जोर दिया.''


उन्होंने बताया, ''सामाजिक जिम्मेदारी भी संघ प्रमुख के संबोधन का अहम हिस्सा रही. उन्होंने राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने में संघ की भूमिका पर भी चर्चा की और स्वयंसेवकों को सामाजिक जिम्मेदारियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया.''


अपने पांच दिवसीय गोरखपुर प्रवास के दौरान संघ प्रमुख स्वयंसेवकों और प्रशिक्षकों के साथ अलग-अलग बैठकें भी करेंगे. आयोजन स्थल के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. केवल चुनिंदा स्वयंसेवकों को ही आयोजन स्थल में प्रवेश की अनुमति है.


मोहन भागवत ने सोमवार को एक साल बाद भी मणिपुर में शांति कायम नहीं होने पर चिंता जताई थी.


नागपुर में संगठन के 'कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय' के समापन कार्यक्रम में संघ के प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था, ''मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है. 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगता था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.''ॉ